16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एलन मस्क : लोग नहीं जानते, मैं सबसे पहले एक इंजीनियर हूं

एलन मस्क: एक ऐसा नाम जो हर जगह छाया रहा। सड़क से लेकर अंतरिक्ष तक और जलवायु परिवर्तन से लेकर सोशल मीडिया तक हर जगह नवाचार और लीक से हटकर बातें करने वाले दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति 'पर्सन ऑफ द ईयर' एलन मस्क ने अपने और अपनी कंपनियों के सफर को लेकर क्या कहा, जानिए उनके साक्षात्कार के कुछ अंशों के माध्यम से -

5 min read
Google source verification
Elon Musk

इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार के सूत्रधार टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने ऑटोमोबाइल उद्योग का रुख बदल दिया है। अपने आलोचकों के प्रति वह उदार बने रहना चाहते हैं लेकिन बाकी ऑटो इंडस्ट्री में और वॉल स्ट्रीट पर उन्हें लेकर सवालिया निशान लगाने वालों की जमात से लड़ते-लड़ते अब वह कभी-कभी बहुत परेशान हो जाते हैं। इस परेशानी को बातों में जाहिर न होने देना भी उनके लिए मुश्किल हो गया है। दूसरे तमाम कारणों के साथ-साथ अपने ट्वीट्स की वजह से भी सुर्खियों में रहने वाले मस्क को 'फाइनेंशियल टाइम्स' ने ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ चुना है।

जोखिम उठाने के लिए तत्पर रहने वाले मस्क का उद्यम केवल कारों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि अंतरिक्ष की ऊंचाइयां छू गया। उनकी प्राइवेट अंतरिक्ष कंपनी 'स्पेसएक्स' ने पिछले साल अमरीका में फिर से मानव की प्राइवेट अंतरिक्ष उड़ानें शुरू कीं। दिवालियेपन से जूझने के बावजूद मस्क ने न केवल इलेक्ट्रिक कार बनाने का जज्बा दिखाया, बल्कि आलाचकों को भी मजबूर कर दिया कि वे उन्हें इस बाजार का सरताज मानें। टेस्ला की सफलता का श्रेय वह अपने इंजीनियर होने को देते हैं।

यह भी पढ़ेँः Patrika Opinion : बेटियों को पढ़ने-बढ़ने के भी दें समान अवसर

हाल ही 'फाइनेंशियल टाइम्स' को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा - 'जो लोग मेरे साथ काम नहीं करते, वे नहीं जानते कि सबसे पहले और मूलतः मैं एक इंजीनियर हूं। संसाधनों और पैसे में कहीं आगे होने के बावजूद बाकी कंपनियां टेस्ला और स्पेसएक्स की तरह कामयाब इसलिए नहीं हैं क्योंकि वे मुझे नौकरी पर नहीं रख सकतीं। दरअसल, इंजीनियरिंग का पारखी होने और बेहद महत्त्वपूर्ण चुनौतियों पर फोकस के चलते हम सर्वश्रेष्ठ इंजीनियर प्रतिभाओं को चुनते हैं।'

इलेक्ट्रिक कारों को लेकर मस्क के विजन और उसकी आलोचनाओं पर:

अर्से तक हमारे अलावा बाकी पूरा ऑटोमोबाइल उद्योग टेस्ला और मुझे मूर्ख और धोखेबाज कहता रहा। वे कहते थे कि इलेक्ट्रिक कारें नहीं चलेंगी। ये कारें अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकेंगी और अगर कर भी गईं तो उन्हें खरीदेगा कौन?

करीब एक दशक पहले टेस्ला कंपनी का मॉडल एस बाजार में उतरा और साबित कर दिया कि इलेक्ट्रिक कारें स्टाइल और परफॉर्मेंस के मामले में बाजार में दौड़ लगाने के लिए तैयार हैं जबकि चार साल पहले आए टेस्ला के ही मॉडल 3 ने बाजार को व्यापक पैमाने पर तकनीक से रूबरू करवाया। यह साल इस बात का प्रमाण है, क्योंकि फोर्ड से लेकर फॉक्सवगन और मर्सडीज बेंज भी अब इलेक्ट्रिक वाहन बनाने की तैयारी में हैं। हाल ही टोयोटा ने इलेक्ट्रिक वाहन के लिए 35 बिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की है।

करीब पंद्रह साल पहले देखे गए सपने के साकार होने पर:

जलवायु परिवर्तन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने भी कार निर्माताओं की सोच बदलने का काम किया कि उन्हें ज्यादा स्थायी तकनीक अपनानी चाहिए। परन्तु वे एक खास वजह से इलेक्ट्रिक कार बनाने को तैयार हुए और वह है बाजार में हमारी बढ़ती हिस्सेदारी। यूरोप के लग्जरी कार बाजार में बढ़ती पहुंच से मर्सडीज बेंज और बीएमडब्ल्यू को भी चिंता सताने लगी। मस्क को इस दौर के सर्वाधिक नवाचार करने वाला उद्योगपति कहा जा सकता है।

क्षमताओं से आगे बढ़ कर काम करने वाले मस्क की प्राइवेट अंतरिक्ष कम्पनी 'स्पेसएक्स' ने पिछले साल ही अमरीका में स्पेस शटल के बाद पहली बार मानव अंतरिक्ष उड़ान शुरू कीं। मस्क की ही कंपनी स्टारलिंक नेटवर्क जल्द ही दुनिया की पहली व्यावसायिक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा शुरू करने वाली है और इसका नया बड़ा रॉकेट स्टारशिप अपने पहले टेस्ट लॉन्च की प्रतीक्षा में है।

करीब 15 साल पहले देखे गए सपने के साकार होने पर मस्क कहते हैं- 'हमने टेस्ला इसलिए नहीं बनाई कि यह हमें मुनाफा देगी, बल्कि यह साबित करने के लिए बनाई कि इसे बनाया जा सकता है। टेस्ला के लाभ मार्जिन काफी अच्छे हैं और कई निवेशक यह दावा कर रहे हैं कि यह इलेक्ट्रिक ऑटो व्हीकल के एक नए वैश्विक उद्योग की राह प्रशस्त करेगी।

हमेशा आलोचकों के निशाने पर रहने की वजह को लेकर:
ऐसे दौर में जबकि प्रौद्योगिकीविद और अरबपति चर्चा में रहते हैं, मस्क के बहुत से आलोचक हैं। मीम्स और गेमिंग के वह स्वयं एक लोकप्रिय ब्रांड बन चुके हैं। मस्क का मानना है कि यह उनकी इस महत्त्वाकांक्षा का नतीजा है कि उनके उत्पाद ग्राहकों को संतुष्ट करें। वह कहते हैं-'मैं कोशिश कर रहा हूं कि लोग मंगल पर पहुंचें और स्टारलिंक से उन्हें जानकारी हासिल करने की आजादी मिले। टेस्ला से चिरस्थायी तकनीक को गति मिले। लोगों को गाड़ी चलाने की थकान से मुक्ति मिले।'

नियामकों के साथ सार्वजनिक तल्खी पर:

नेशनल ट्रांसपोर्टेशंस सेफ्टी बोर्ड को लेकर वह कहते हैं, 'मुझे लगता है वे असल सुरक्षा के बजाय अखबार की सुर्खियों को ज्यादा तवज्जो देते हैं। यह ऐसी चीज है, जो मेरे हिसाब से अनुचित है।' मस्क ने कहा कि अमरीकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग शॉर्ट सेलर्स से निवेशकों के हित सुरक्षित करने में नाकाम रहा है।

इंजीनियरिंग के प्रति अपने जुनून को लेकर:

ऑटो उद्योग में मस्क बाद में आए। पहले वह पेपैल के फाउंडर्स में से एक थे। दक्षिण अफ्रीका में जन्मे मस्क ने पहले टेस्ला में निवेश किया। 2004 में इसके चेयरमैन बने। टेस्ला के अस्तित्व में आने से पहले ऑटोमोबाइल विशेषज्ञ बॉब लुट्ज ने कहा था- लैपटॉप में लगने वाली लिथियम आयन बैटरी से कोई कार कैसे चला सकता है? टेस्ला की पहली कार रोडस्टर ने उन्हें यकीन दिलवा ही दिया कि ऐसा हो सकता है। अन्य कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति गंभीर नहीं थीं। टेस्ला की सफलता का राज है इंजीनियरिंग के लिए उनका जुनून। 'मैं तकनीक और इंजीनियरिंग में काफी कुशल हूं। हर किसी में कोई प्रतिभा होती है।'


ट्वीट्स को लेकर सोशल मीडिया में अपनी छवि पर:

'क्या आपका मनोरंजन नहीं होता? मैं यह नहीं कह रहा कि मैं मूर्खता भरे ट्वीट नहीं करता, हां मैं करता हूं, लेकिन काफी सुतंलित रूप से। ये मनोरंजक, मजेदार और जानकारी भरे ट्वीट होते हैं।' इसीलिए कंपनी की एक मार्केटिंग व कम्युनिकेशंस प्रमुख ने कहा था कि मस्क के यों चर्चा में बने रहने के कारण ही टेस्ला को विज्ञापन पर पैसा नहीं खर्च करना पड़ा।

यह भी पढ़ेँः मजहब के आधार पर गढ़े गए द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की निरर्थकता का उद्घोष

मनमाने माइक्रोमैनेजमेंट की धारणाओं को लेकर:


मस्क कहते हैं कि टेस्ला और स्पेसएक्स के सबसे अहम प्रोजेक्ट पर वह सातों दिन और सप्ताह में 80-90 घंटे बिताते हैं। कुल संपत्ति और बीते माह में टेस्ला के स्टॉक कैश कर अर्जित किए 13 अरब डॉलर के बावजूद न तो उनके पास घर है, न बोट, न ही वह छुट्टियों पर जाते हैं। 'मैं तब तक काम करना चाहता हूं जब तक कर सकूं,
सार्थक योगदान दे सकूं - यही मेरा स्वभाव है।'

इलेक्ट्रिक कारों के बाजार में चीनी कंपनियों की तरफ से निकट भविष्य में मिलने वाली कड़ी टक्कर को लेकर:

'लगता है कि लोगों को इस बात का अंदाजा ही नहीं है कि चीन कितनी तरक्की कर रहा है। यह अविश्वसनीय है। इसकी तुलना मस्क पिछली सदी के 80 और 90 के दशक में जापानी आयात से करते हैं। मुझे लगता है कि हम चीन की कार कंपनियों के साथ भी वही होता हुआ देखेंगे।' वह कहते हैं, 'चीन में काम के आदर्श, मेहनती व चतुर लोगों का लगातार काम करते रहना हैरान करने वाला है, साथ ही डराने वाला भी। जो भी हो, वे काम पूरा करके ही मानेंगे।'

('फाइनेंशियल टाइम्स' से साभार)