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मरीजों की सुरक्षा का रहे ध्यान, इलाज के नाम पर न मिले मर्ज

गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के लिए रोगी सुरक्षा आवश्यक है। स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में विश्वास का निर्माण जरूरी है। त्रुटियों के चलते मरीजों पर वित्तीय बोझ भी बढ़ता है। प्रत्येक रोगी की सुरक्षित देखभाल सुनिश्चित करना आवश्यक है। हाल ही के वर्षों में चिकित्सा के क्षेत्र में हुई प्रगति के बावजूद रोगी सुरक्षा आज भी एक जटिल चुनौती बनी हुई है।

जयपुरSep 17, 2024 / 09:10 pm

Gyan Chand Patni

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डॉ. पंकज जैन
एसोसिएट प्रोफेसर, मेडिकल कॉलेज, कोटा
कोई भी रोगी किसी चिकित्सक के पास या अस्पताल में एक विश्वास एवं भरोसे के साथ पहुंचता है। मुश्किल यह है कि तेजी से बदलते नए उपचार तंत्र एवं चिकित्सा में प्रौद्योगिकी के प्रवेश ने रोगी देखभाल से जुड़े नए खतरे भी पैदा किए हैं। रोगी सुरक्षा स्वास्थ्य सेवा का एक ठोस आधार है और अब इसे एक बढ़ती वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। प्रतिकूल घटनाओं के चलते रोगी को होने वाली हानि दुनिया भर में बीमारी और मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रति दस में से एक मरीज स्वास्थ्य देखभाल त्रुटियों से प्रभावित होता है, वहीं असुरक्षित देखभाल के कारण प्रति वर्ष 3 मिलियन से ज्यादा मौतें हो जाती हंै।
दवाइयों की चूक, असुरक्षित शल्य प्रक्रियाएं, स्वास्थ्य देखभाल संबंधित संक्रमण, निदान संबंधी चूक, गिरकर चोटिल होना, लंबे समय से बेहोश मरीजों में शरीर के दबाव से नासूर हो जाना, मरीजों की गलत पहचान, असुरक्षित ब्लड ट्रांसफ्यूजन और थ्रोम्बो एम्बोलिज्म के कारण कई मरीजों की जान जाती है। रोगी सुरक्षा से संबंधित इन स्वास्थ्य देखभाल त्रुटियों में से 50 प्रतिशत से अधिक बचाव योग्य है। प्रति वर्ष 17 सितम्बर को विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाया जाता है जिसके प्रमुख उद्देश्यों में रोगी सुरक्षा के बारे में वैश्विक जागरूकता एवं सहभागिता बढ़ाना, रोगी को होने वाले नुकसान को कम करने की दिशा में अंतरराष्ट्रीय एकजुटता का आह्वान करना है। वर्ष 2024 विश्व रोगी सुरक्षा दिवस की थीम ‘रोगी सुरक्षा के लिए निदान में सुधार’, ‘इसे सही करें, इसे सुरक्षित बनाएं’, रखी गई है।
गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के लिए रोगी सुरक्षा आवश्यक है। स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में विश्वास का निर्माण जरूरी है। त्रुटियों के चलते मरीजों पर वित्तीय बोझ भी बढ़ता है। प्रत्येक रोगी की सुरक्षित देखभाल सुनिश्चित करना आवश्यक है। हाल ही के वर्षों में चिकित्सा के क्षेत्र में हुई प्रगति के बावजूद रोगी सुरक्षा आज भी एक जटिल चुनौती बनी हुई है। आधुनिक जटिल स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में रोगियों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, प्रौद्योगिकी एवं दवाओं के बीच कई स्तर पर सामंजस्य की आवश्यकता होती है। इसमें गड़बड़ी कई प्रतिकूल घटनाओं और त्रुटियों की संभावना बढ़ाती है। स्टाफ, उपकरण, स्थान सहित अन्य संसाधनों की कमी भी रोगी सुरक्षा में व्यवधान पैदा करती है। मानवीय कारक जैसे थकान, तनाव व अत्यधिक कार्यभार, अपर्याप्त प्रशिक्षण भी रोगी सुरक्षा त्रुटियों का कारण हैं। स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, मरीज एवं मरीज के परिजनों के बीच निरन्तर संवाद की कमी भी रोगी सुरक्षा को कमजोर करती है। मरीजों की सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रयासों एवं बहुआयामी दृष्टिकोण की महती आवश्यकता है। रोगी सुरक्षा को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य सेवा संगठनंों, नीति निर्माताओं के साथ ही मरीजों एवं उनके परिजनों को भी जोडऩा होगा। रोगी सुरक्षा को प्राथमिकता देने वाला वातावरण तैयार करना होगा। सुरक्षित स्वास्थ्य सेवा को सुनिश्चित करने के लिए संक्रमण नियंत्रण, दवा वितरण एवं सुरक्षित शल्य प्रक्रिया के लिए मापदंड विकसित करने होंगे।
स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के आधुनिक प्रशिक्षण और सतत शिक्षा के लिए निवेश बढ़ाना होगा ताकि वे रोगी सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ-साथ नवीन तकनीकों पर भी अपडेट रह सकें। आधुनिक टेक्नोलॉजी रोगी सुरक्षा को बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है जैसे इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड, चिकित्सकीय परामर्श की कम्प्यूटरीकृत प्रविष्टि, नैदानिक विभागों में एआइ का उपयोग करके त्रुटियों की आशंका को कम किया जा सकता है। रोगी देखभाल प्रक्रिया में मरीजों एवं उनके परिजनों को भी शामिल किया जाना चाहिए। समय-समय पर उनको उपचार एवं निदान के बारे में बताया जाना चाहिए।

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