ओपिनियन

भारतीय पर्यटक खोज रहे नई संस्कृति अनुभव और रोमांच

प्रो. भगवती प्रसाद सारस्वत कुलगुरु, कोटा विश्वविद्यालय

3 min read
Jul 22, 2025

हाल के वर्षों में, भारतीय पर्यटकों में विदेश यात्रा का क्रेज तेजी से बढ़ा है। पहले जहां विदेश यात्रा कुछ खास लोगों तक सीमित थी, वहीं अब यह मध्यम वर्ग और युवाओं के लिए भी एक आम विकल्प बन गया है। भारत में आर्थिक विकास के साथ लोगों की आय बढ़ी है, जिससे उनके पास यात्रा पर खर्च करने के लिए अधिक पैसा उपलब्ध है। हवाई यात्रा अब पहले से कहीं अधिक सुलभ और सस्ती हो गई है। इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विदेशी गंतव्यों की तस्वीरें और वीडियो देखकर लोग प्रेरित होते हैं। विदेशी अनुभवों को साझा करने की इच्छा भी एक बड़ा कारण है। भारतीय पर्यटक अब सिर्फ दर्शनीय स्थलों से आगे बढ़कर रोमांचक गतिविधियों, विविध संस्कृतियों और अद्वितीय अनुभवों की तलाश में हैं। विदेशी गंतव्य अक्सर कुछ ऐसा नया और अलग प्रदान करते हैं जो भारत में आसानी से उपलब्ध नहीं होता।

कई देशों ने भारतीय पर्यटकों के लिए वीजा प्रक्रियाओं को सरल बनाया है या वीजा-ऑन-अराइवल की सुविधा प्रदान की है, जिससे यात्रा की योजना बनाना आसान हो गया है। शिक्षा और सूचना के प्रसार के साथ, भारतीयों में वैश्विक जागरूकता बढ़ी है। वे दुनिया के विभिन्न हिस्सों को करीब से जानने के इच्छुक हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय पर्यटकों द्वारा विदेशों में किए गए खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। भारतीय यात्रियों के लिए शीर्ष अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों में थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), अमेरिका, वियतनाम और इंडोनेशिया शामिल हैं। यदि वर्तमान रुझान जारी रहता है, तो अनुमान है कि 2034 तक बाहरी यात्रा पर खर्च 55 बिलियन डॉलर से अधिक हो सकता है।

एको इंडिया ट्रैवल रिपोर्ट 2025

31.7 बिलियन डॉलर का खर्च भारतीयों ने विदेश यात्राओं पर वित्तीय वर्ष 2023–24 में किया।
यह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 25% अधिक है।
यात्रियों में से 48% मिलेनियल्स और जेन जी (युवा वर्ग) के थे।
यात्रियों में 43% महिलाएं शामिल थीं।

पहली नजर में ऐसा लग सकता है कि भारतीयों का विदेश में पैसा खर्च करना भारत के लिए नुकसानदेह है, लेकिन इसके कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के बढ़ते वैश्विक एकीकरण को दर्शाता है। अधिक भारतीय विदेश यात्रा कर रहे हैं, जिसका अर्थ है कि वे विभिन्न संस्कृतियों, व्यापारिक प्रथाओं और विचारों से परिचित हो रहे हैं, जो अंततः भारत के वैश्विक संबंधों को मजबूत कर सकता है। हालांकि पैसा विदेश में खर्च हो रहा है, लेकिन यात्रा के लिए बुकिंग, वीजा आवेदन, विदेशी मुद्रा विनिमय आदि के लिए भारतीय ट्रैवल एजेंटों और वित्तीय संस्थानों का उपयोग किया जाता है, जिससे देश में रोजगार और राजस्व सृजन होता है।

विदेश यात्रा से भारतीय नए विचारों, तकनीकों और व्यापार मॉडल से परिचित होते हैं, जिन्हें वे वापस आकर भारत में लागू कर सकते हैं। यह नवाचार और विकास को बढ़ावा दे सकता है। विदेशी पर्यटन अनुभवों से प्रेरणा लेकर, भारतीय पर्यटन उद्योग को अपनी सेवाओं और बुनियादी ढांचे में सुधार करने की प्रेरणा मिलती है ताकि वे अंतरराष्ट्रीय मानकों से मुकाबला कर सकें।

हालांकि विदेश यात्रा का आकर्षण समझ में आता है, लेकिन भारत के पास भी अतुल्य पर्यटन क्षमता है। भारतीयों को देश के भीतर अधिक खर्च करने के लिए आकर्षित करने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं। पर्यटन स्थलों पर स्वच्छता और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। इसके साथ ही स्थानीय संस्कृति, कला, हस्तशिल्प और खानपान को जोड़ते हुए अनुभवात्मक पर्यटन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, जिससे घरेलू यात्रा भी रोमांचक और विविधतापूर्ण बन सके। पर्यटन स्थलों तक कनेक्टिविटी सुधारना, डिजिटल गाइड, स्थानीय होमस्टे और सामुदायिक भागीदारी जैसे उपायों से भी आंतरिक पर्यटन को नई ऊर्जा मिल सकती है।

बहरहाल, भारतीयों का विदेश यात्रा करना वैश्विक रुझान और बढ़ती आकांक्षाओं का एक परिणाम है। हालांकि यह एक सकारात्मक संकेत है, भारत को अपनी विशाल पर्यटन क्षमता का पूरा लाभ उठाने के लिए आंतरिक पर्यटन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। बुनियादी ढांचे में सुधार, विविध अनुभवों का विकास, प्रभावी मार्केटिंग और सेवा गुणवत्ता में सुधार करके, भारत न केवल अधिक भारतीय पर्यटकों को आकर्षित कर सकता है, बल्कि वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर अपनी स्थिति को भी मजबूत कर सकता है।

Published on:
22 Jul 2025 12:07 pm
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