
श्रम शक्ति ही है जो देश-प्रदेश का विकास संभव बनाती है
के. कविता
तेलंगाना विधान परिषद की सदस्य और पूर्व सांसद
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सभी तरह से राष्ट्र निर्माण की शुरुआत श्रम से होती है। अपनी लगन, मेहनत और नि:स्वार्थ भाव से दूसरों के सपनों को पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम करने वाले मजदूरों की मेहनत का दिल से धन्यवाद करने का अवसर हमें ‘मजदूर दिवस’ के रूप में मिलता है। इसमें कोई शक नहीं है कि हमारे देश की श्रम शक्ति के बिना प्रदेश या देश का विकास असंभव है। आज यदि हम अपने घर में रह रहे हैं, सडक़, रेल, मेट्रो, हवाई जहाज आदि से यात्रा कर रहे हैं या फिर मॉल, अस्पताल, यूनिवर्सिटी आदि से लाभ प्राप्त कर रहे हैं तो उसके पीछे हमारे मजदूरों की मेहनत होती है। वे चिलचिलाती गर्मी, धूप, बरसात, कड़ाके की सर्दी की परवाह किए बिना पूरी लगन से अपना काम करते हैं। उनका संकल्प इतना मजबूत होता है कि वे किसी भी परेशानी के आगे कभी घुटने नहीं टेकते।
2014 में आंध्र प्रदेश से अलग होकर नए राज्य के तौर पर तेलंगाना बना और तब से आज तक राज्य ने हर क्षेत्र में प्रगति जारी रखते हुए देश के बाकी हिस्सों के लिए एक रोल मॉडल के रूप में खुद को खड़ा किया है। तेलंगाना की विकास यात्रा के पीछे लाखों मेहनतकश कामगारों का खून-पसीना शामिल है। तेलंगाना के मजदूरों ने आधुनिक सुविधाओं से युक्त नया डॉ. बीआर आम्बेडकर सचिवालय भवन प्रदेश की जनता को दिया है जिसे आज पूरे देश से सराहना मिल रही है। सही मायनों में यह भवन हमारे मजदूरों की मेहनत का जीता-जागता प्रतीक है। अगर हम कहें कि तेलंगाना में श्रमिक और सरकार ने मिलकर सपने साकार किए हैं तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी।
रायथू बंधु स्कीम के साथ-साथ दलित बंधु स्कीम और ऐसी अनेक योजनाएं जनहित के प्रति सरकार की गंभीरता का उदाहरण हैं। आंगनवाड़ी एवं आशा वर्कर सरकार की योजनाओं को जमीन तक पहुंचाने में जी-जान से मेहनत कर रहे हैं तो सरकार भी उनको भरपूर मानदेय देकर उनकी उम्मीदों को पूरा करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही। मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार मजदूर वर्ग के कल्याण के लिए कई विकास और कल्याणकारी कार्यक्रम चला रही है। तेलंगाना लगभग 15 लाख प्रवासी श्रमिकों का घर है - ईंट भट्टों, निर्माण स्थलों और खाद्य व्यवसाय में काम करने वाली एक बड़ी आबादी है। तेलंगाना प्रवासी श्रमिकों के लिए नीति लागू करने वाले भारत के पहले राज्यों में से एक के रूप में उभरा है, जिससे प्रवासी श्रमिक राज्य की आर्थिक गतिविधि में शामिल हुए हैं। प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों को दुर्घटना बीमा, राशन कार्ड, किफायती किराये के आवास, स्कूल में बच्चों को प्रवेश सहित कई फायदे मिले हैं। तेलंगाना सरकार अपने श्रमिकों को बुनियादी सुविधाएं - खाद्य सुरक्षा, आश्रय, स्वास्थ्य आदि उपलब्ध कराती है। विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए लागू नई औद्योगिक नीति के तहत राज्य में बड़े पैमाने पर संपत्तियों का भी निर्माण हो रहा है।
राज्य के स्वामित्व वाली सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड के कर्मचारियों को लाभ में हिस्सेदार बनाया गया, क्योंकि सरकार का मानना है कि कंपनी के सभी कर्मचारी सीमा पर तैनात जवानों की भांति अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर राष्ट्रहित में काम करते हैं। तेलंगाना सरकार की सभी योजनाएं मजदूर परिवारों का आर्थिक बोझ कम करने में सहायक हो रही हैं। इसमें संदेह नहीं कि दलित बंधु योजना के समर्थन से मजदूर भी उद्यमी बने हैं। नीति आयोग ने भी तेलंगाना सरकार की कई जनकल्याणकारी योजनाओं को सराहा है। तेलंगाना की बीआरएस सरकार मजदूरों के हर दु:ख-सुख में साथ खड़ी है क्योंकि वे तेलंगाना की प्रगति के लिए हाड़-तोड़ मेहनत करते हैं।
Published on:
02 May 2023 10:51 pm
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