
आपकी बात, क्या स्वास्थ्य का अधिकार कानून पूरे देश मे लागू होना चाहिए?
जरूरी है स्वास्थ्य का अधिकार
किसी भी देश के विकास में उसके स्वस्थ नागरिक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए स्वास्थ्य के अधिकार कानून को मौलिक अधिकार बनाया जाना चाहिए। लोगों को पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना राज्य का संवैधानिक दायित्व है। हमारे संविधान में हमें जीने का अधिकार तो प्रदान किया है, लेकिन अभी तक स्वास्थ्य का अधिकार कानून नहीं बनाया गया है। स्वास्थ्य की जरूरतों को पूरा करना सरकार की जिम्मेदारी है। स्वास्थ्य का अधिकार कानून पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए, तभी देश का विकास बेहतर तरीके से होगा।
-प्रकाश चंद्र शर्मा, कोटा
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राइट टू हेल्थ का महत्व
देश में बढ़ती आर्थिक असमानता का मुख्य कारण स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का खर्चीला होना भी है। अधिकांश लोग स्वास्थ्य सुविधाओं पर अत्यधिक व्यय करने के कारण गरीबी रेखा से नीचे पहुंच जाते हैं। ऐसे में यूरोपीय देशों की तर्ज पर भारत में भी राइट टू हेल्थ कानून लागू होना चाहिए। राजस्थान में इस तरह की पहल की गई है, लेकिन इसमें अभी बहुत सारी विसंगतियां हैं। सरकार डॉक्टरों के आगे झुक गई।
-एकता शर्मा, जयपुर
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देश के विकास को मिलेगी गति
यदि स्वास्थ्य का अधिकार कानून बनता है, तो हमारे देश में स्वास्थ्य के लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण हो सकता है। इससे चिकित्सा की निरंतरता सुनिश्चित की जा सकती है। स्वास्थ्य का अधिकार कानून होने से उपचार में असमानता कम होगी एवं देश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
-सुशील पूनिया, हनुमानगढ़
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स्वस्थ शरीर, मजबूत राष्ट्र
स्वास्थ्य का अधिकार कानून समूचे राष्ट्र में लागू होना चाहिए। नागरिकों का शरीर स्वस्थ होगा, तभी तो स्वस्थ व मजबूत राष्ट्र बनेगा। स्वास्थ्य सेवाएं तो हर सरकार का मौलिक दायित्व होना चाहिए। जैसे जीवन के लिए रोटी, कपड़ा और मकान आवश्यक है, ठीक उसी प्रकार स्वास्थ्य भी आवश्यक हैं। मन-मस्तिष्क स्वस्थ होंगे तभी तो शरीर स्वस्थ होगा और शरीर स्वस्थ होगा तो राष्ट्र मजबूत होगा।
-सुनील कुमार माथुर, जोधपुर
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मूलभूत आवश्यकता है स्वास्थ्य
रोटी, कपड़ा और मकान की तरह स्वास्थ्य भी मूलभूत आवश्यकता है। देश के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य का अधिकार प्राप्त होना चाहिए ताकि गरीब, कमजोर व हाशिए पर खड़ा व्यक्ति बिना किसी चिंता और हिचकिचाहट स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले पाने में सक्षम हो।
-पलक कुमावत, जयपुर
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कोई न रहे कुपोषित
विश्व स्वास्थ मानकों के अनुसार भारत की एक बहुत बड़ी आबादी कुपोषित है। निश्चित रूप से स्वास्थ का अधिकार कानून पूरे भारत में लागू होना ही चाहिए। इसे अगले स्तर तक ले जाना चाहिए, जहां स्वास्थ का अर्थ बीमारी का इलाज ही न हो, बल्कि स्वस्थ जीवन और पोषण देश के हर व्यक्ति का अधिकार हो।
-शिवा सारस्वत, टोंक
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केंद्र सरकार पहल करे
स्वास्थ्य के अधिकार का कानून पूरे देश में प्राथमिकता से लागू करने के लिए केंद्र सरकार को उचित पहल करनीचाहिए, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को राहत मिल सके।
-आलोक वालिम्बे, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
Published on:
05 Apr 2023 04:56 pm
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