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ऊर्जा जरूरतें पूरी कर सकता है घर में सोलर रूफटॉप

Published: Sep 23, 2022 09:59:15 pm

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Patrika Desk

नीति-नवाचार: आवासीय क्षेत्र को रूफटॉप सोलर की दिशा में मोडऩे का कदम विभिन्न समुदायों को स्वच्छ ऊर्जा संबंधी बदलाव की प्रक्रिया से जोड़ेगा। इससे आवासीय क्षेत्र में सोलर रूफटॉप के लिए मौजूद मांग को सामने लाने में मदद मिलेगी। साथ ही डिस्कॉम को बिजली सब्सिडी का खर्च घटाने और अपनी वित्तीय स्थिति मजबूत करने का आर्थिक अवसर भी मिल सकता है।

प्रतीकात्मक चित्र

प्रतीकात्मक चित्र

भावना त्यागी
प्रोग्राम एसोसिएट, काउंसिल ऑन एनर्जी, इनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू)
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नीरज कुलदीप
प्रोग्राम लीड, काउंसिल ऑन एनर्जी, इनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू)
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देश में आवासीय क्षेत्र में सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। बीते माह, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत ‘नेशनल पोर्टल फॉर रूफटॉप’ लॉन्च किया। यह उपभोक्ताओं के लिए रूफटॉप सोलर को अपनाने की प्रक्रिया सरल बनाने के लिए केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) का सही दिशा में उठाया गया कदम है। इस पोर्टल का ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो, इसके लिए रूफटॉप सोलर के बारे में परिवारों के स्तर पर जागरूकता और मांग पैदा करने की भी आवश्यकता होगी।
अभी तक भारत ने आवासीय क्षेत्र में रूफटॉप सोलर को विस्तार देने के अवसर का लाभ नहीं उठाया है। व्यापक क्षमता और सहायक नीतिगत प्रयासों के बावजूद, देश में स्थापित कुल रूफटॉप सोलर क्षमता में से सिर्फ दो गीगावॉट (जीडब्ल्यू) का ही ताल्लुक आवासीय क्षेत्र से है। रूफटॉप सोलर का विकास भी राज्यों में एक जैसा नहीं है। कुछ राज्यों में इसे लगाने की दर बहुत सीमित है। वहीं, अकेले गुजरात में कुल स्थापित क्षमता एक गीगावॉट से ज्यादा है।
आवासीय क्षेत्रों में रूफटॉप सोलर को लगाने की परिस्थितियां दूसरी बड़ी परियोजनाओं की तुलना में बिल्कुल अलग होती हैं। रूफटॉप सोलर स्थापना पूरी तरह उपभोक्ता की मांग पर निर्भर है। इस वजह से रूफटॉप सोलर भी टेलिविजन, कार, मोबाइल जैसे दूसरे उपभोक्ता उत्पादों की श्रेणी में शामिल हो जाता है। नतीजतन, इसकी खरीद का फैसला केवल लाभों से तय नहीं होता, बल्कि दूसरी बातें भी असर डालती हैं। हालांकि, भारत में रूफटॉप सोलर के बारे में उपभोक्ताओं की जानकारी काफी कम है। अक्सर वे इसकी तकनीक, खर्च, सब्सिडी और मरम्मत आदि के बारे में बहुत नहीं जानते हैं। शहरों से दूर गांवों की तरफ बढऩे पर जागरूकता के स्तर में और कमी आ जाती है। एक सशक्त उपभोक्ता जागरूकता अभियान के माध्यम से घरेलू उपभोक्ताओं को रूफटॉप सोलर लगाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। अन्य व्यापक उपभोक्ता जागरूकता अभियानों ने यह साबित किया है कि इससे कैसे लोगों की सोच में बदलाव आता है और गतिविधियां बढ़ाने में मदद मिलती है।
काउंसिल ऑन एनर्जी, इनवायनरमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) ने भी दिल्ली में ऐसे दो अभियानों- ‘सोलराइज सफदरजंग’ व ‘सोलराइज कडक़डड़ूमा’ का संचालन किया है, जिनसे ऐसे अभियानों की सार्थकता सामने आई है। इन अभियानों के बाद 43 प्रतिशत लोगों ने रूफटॉप सोलर के बारे में अपनी जानकारी बढऩे की बात कही है। लोगों को घरों में रूफटॉप सोलर लगाने के बारे में शिक्षित और प्रेरित करने के लिए ऐसे ही एक राष्ट्रीय अभियान ‘सोलराइज इंडिया’ की जरूरत है। इन चार प्रमुख बातों का ध्यान रखकर ऐसे अभियान को ज्यादा प्रभावी बनाया जा सकता है –
पहला, रूफटॉप सोलर को प्रोत्साहित करने के लिए एक नेशनल ऐम्बैसडर की पहचान करना। सोलर ऐम्बैसडर सभी जागरूकता अभियानों में शामिल होते हैं। वे उपभोक्ताओं के बीच साख और भरोसे की भावना पैदा करते हैं। इसके लिए किसी ऐसे लोकप्रिय व्यक्ति की तलाश जरूरी है, जिसके साथ जनता खुद को जोड़े और रूफटॉप सोलर संबंधी जागरूकता अभियान आगे बढ़ाए।
दूसरा, सोलराइज इंडिया अभियान को चलाने के लिए डिस्कॉम और राज्यों की नोडल एजेंसियों के मौजूदा नेटवर्क का लाभ उठाना चाहिए। उपभोक्ता, एक भरोसेमंद सूचना स्रोत के रूप में इन सरकारी एजेंसियों पर भरोसा करते हैं। इसके साथ डिस्कॉम को अपने जन-जागरूकता अभियानों में रूफटॉप सोलर को भी शामिल करना चाहिए। इसके लिए संचार के विभिन्न तरीके, उपभोक्ताओं के लिए लक्षित गतिविधियों, और स्थानीय भाषा में संदेश देने को प्राथमिकता जैसे उपाय शामिल किए जा सकते हैं।
तीसरा, ‘सोलराइज इंडिया’ अभियान के लिए, एमएनआरई के ‘नेशनल पोर्टल फॉर रूफटॉप’ को मुख्य केंद्र के रूप में विस्तार देना चाहिए। यह उपभोक्ताओं के लिए रूफटॉप सोलर से जुड़ी सभी सूचनाओं के लिए एक भरोसेमंद स्रोत साबित हो सकता है। इस पर सोलर सिस्टम, सरकारी सब्सिडी योजनाओं, आवश्यकता आकलन करने के टूल्स, लागत-लाभ का मूल्यांकन, संभावित वेंडर्स व फाइनेंसिंग के विकल्प जैसी जानकारियां दी जा सकती हैं।
चौथा, उपभोक्ताओं को सूचनाएं देना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी उनकी शिकायतें दूर करना भी है। इसके लिए नियमित अंतराल पर वर्कशॉप, संदेह दूर करने वाली बैठकें, वर्चुअल यात्राएं और सवालों के जवाब देने के लिए संपर्क व्यक्तियों को नियुक्त करना बेहद महत्त्वपूर्ण है। ‘सोलराइज इंडिया’ पोर्टल पर आगामी वर्कशॉप, सत्रों और संपर्कों जैसी तमाम सूचनाएं डाली जा सकती हैं।
आवासीय क्षेत्र को रूफटॉप सोलर की दिशा में मोडऩे का कदम विभिन्न समुदायों को स्वच्छ ऊर्जा संबंधी बदलावों की प्रक्रिया से जोडऩे का अवसर देता है। इससे आवासीय क्षेत्र में सोलर रूफटॉप के लिए मौजूद मांग को सामने लाने में मदद मिलेगी। साथ ही डिस्कॉम को बिजली सब्सिडी का खर्च घटाने और अपनी वित्तीय स्थिति मजबूत करने का आर्थिक अवसर भी मिल सकता है।
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