नई दिल्लीPublished: Dec 31, 2021 11:16:41 am
Patrika Desk
भारत में मुश्किल हालात से निपटने की अटूट क्षमता है। हालांकि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना से जंग में देशवासियों ने बड़ी संख्या में अपने प्रियजनों को खोया है। उनकी कमी पूरी नहीं हो सकती। बहुत सारे ऐसे लोग भी हैं जो अपनी नौकरी खोने या कारोबार में संकट के कारण आर्थिक संकट से घिर गए हैं। उम्मीद की जा सकती है कि उनके लिए वास्तव में नया सवेरा आएगा।
कोरोना महामारी से पूरी दुनिया को झकझोर कर रख देने वाला एक और वर्ष विदा हो रहा है। कोविड-19 संक्रमण के लंबे दौर के बाद हम फिर यह कहने की स्थिति में हैं कि हर रात की एक सुबह होती है। नए साल के रूप में हम एक नई सुबह का इंतजार कर रहे हैं। स्थितियां पौं फटने का संदेश दे रही हैं। कोरोना के पस्त होते हालात हमारे फौलादी इरादों की झलक दे रहे हैं। भले ही दुनिया में कोरोना का खतरा अभी बरकरार है और नए-नए वैरिएंट के रूप में यह हमें डराने के लिए फिर आ धमका है, पर इस बार हम डर से आगे निकल चुके हैं। इसीलिए डेल्मीक्रॉन के बढ़ते संक्रमण के बावजूद कहीं से लॉकडाउन की मांग नहीं आ रही है।