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आपकी बात, शारीरिक श्रम से बचने का नुकसान क्या हो रहा है?

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

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Gyan Chand Patni

Dec 07, 2020

आपकी बात,  शारीरिक श्रम से बचने का नुकसान क्या हो रहा है?

आपकी बात, शारीरिक श्रम से बचने का नुकसान क्या हो रहा है?

शारीरिक श्रम से बचने से हो रही हैं बीमारियां
भौतिकतावाद की अंधी दौड़, तकनीकी एवं मशीनीकरण की वजह से आज आदमी का शारीरिक श्रम काफी कम हो गया है। विज्ञान एवं उन्नत तकनीकी साधनों की वजह से मनुष्य आरामदायक जीवन शैली का अभ्यस्त होता जा रहा है। इसका दुष्प्रभाव विभिन्न शारीरिक एवं मानसिक बीमारियों के रूप में सामने आ रहा है। आज शारीरिक श्रम के अभाव में युवक-युवती भी मोटापा, हृदय रोग, जोड़ों में दर्द, शारीरिक शिथिलता, रक्तचाप का असमान्य होना, डायबिटीज आदि रोगों के शिकार हो रहे हैं। शारीरिक श्रम के अभाव में चिड़चिड़ापन, अनिद्रा, तनाव एवं काम में ध्यान केंद्रित न कर पाना जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं।
-डॉ. राकेश कुमार गुर्जर, सीकर
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खतरनाक है श्रमरहित जीवनशैली
आजकल की दिनचर्या कुछ इस प्रकार हो गई है, जिसमें घंटों ऑफिस में सीट पर चिपक कर काम करना पड़ रहा है। ऑफिस में काम के दबाव के कारण फिजिकल एक्टिविटी पर लोग आज बहुत कम ध्यान देते हैं। ऑफिस में कई घंटे सीट पर बैठे-बैठे ही बीत जाते हैं। बाकी का समय घर पर टीवी देखने और सोने में बीत जाता है। ऐसा करना हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक है। हम कम उम्र में ही कई बीमारियों से घिर सकते हैं। जो लोग शारीरिक श्रम की तरफ ध्यान नहीं देते हैं, उनमें असमय मृत्यु होने की आशंका बढ़ जाती है। कॉलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर में वृद्धि होने के साथ ही बढ़ता है डायबिटीज का खतरा। अनेक लोगों का व्यवसाय ही ऐसा होता है, जिसमें शारीरिक श्रम की आवश्यकता नहीं होती। ऐसी स्थिति में हमें सुबह-शाम पैदल घूमने की आदत डालना होगी। आज जनता को श्रम रहित जीवन शैली के खतरों के प्रति जागरूक करने के व्यापक प्रचार-प्रसार की महती आवश्यकता है।
-डॉ. अजिता शर्मा, उदयपुर
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शारीरिक श्रम को हीन न मानें
शारीरिक श्रम से बचना एक मनोवैज्ञानिक अवस्था है। हमारे शरीर के सभी अंग काम करने के लिए बने हैं। किंतु हम शारीरिक श्रम से बचते हैं और बौद्धिक श्रम ज्यादा करते हैं। बौद्धिक श्रम को सम्मानजनक तथा शारीरिक श्रम को हीन माना जाने लगा है। इसी कारण व्यक्ति शारीरिक श्रम से बचता है। इससे व्यक्ति हाइपरटेंशन, ब्लड प्रेशर, हार्ड अटैक जैसी अनेक बीमारियों से ग्रसित हो जाता है। डॉक्टर शारीरिक श्रम करने की सलाह देते हैं। ऐसी स्थिति में लोग जिम जाकर शारीरिक श्रम करते हैं। बेहतर तो यह है कि हम घर का काम खुद करने की आदत डालें और श्रमदान करके उपयोग कार्य करें।
-नरेंद्र कुमार शर्मा, मालवीय नगर, जयपुर
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करते रहें शारीरिक श्रम
जो लोग शारीरिक श्रम नहीं करते उनको दिल की बीमारी के साथ-साथ कैंसर, मधुमेह है और मानसिक रोगों का खतरा बना रहता है। प्रात: कालीन भ्रमण स्वास्थ्य के के लिए लाभदायक है। नियमित शारीरिक श्रम करना अति आवश्यक है। रोज सुबह या शाम भ्रमण के लिए जाएं, आप स्वस्थ रहेंगे। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जीवनशैली को बदलना आवश्यक है। आजकल युवा 8 से 10 घंटे तक कंप्यूटर पर काम में तल्लीन रहते हंै। इतने लंबे समय तक कुर्सी पर बैठे रहना भी स्वास्थ्य के लिए घातक है। मानसिक श्रम के साथ शारीरिक श्रम भी अति आवश्यक है। अत:हम सबको शारीरिक श्रम करने से कभी भी जी नहीं चुराना चाहिए।
-विद्याशंकर पाठक सरोदा डूंगरपुर
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रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी
शारीरिक श्रम से बचने से आदमी आलसी बन गया है। इसका उसके शरीर पर बहुत बुरा असर हो रहा है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई। गलत खान-पान और जीभ के स्वाद के लिए भोजन करने से शरीर को नुकसान होता है। बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है। बच्चों को पाठशाला से ही शरीर स्वस्थ्य रखने की जानकारी देना जरूरी है, जिससे वे बचपन से ही श्रम के महत्व समझें।
-कमल मंड़ोरा, ब्यावर
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बढ़ता है कोरोना का खतरा
शारीरिक श्रम न करने से मोटापा, उच्च रक्तचाप और डायबिटीज के मामले बढ़ रहे है। इन रोगों से ग्रस्त व्यक्ति को हृदय रोग व करोना का खतरा अधिक है। आधुनिक शोधों के अनुसार श्रम न करने वालों में अनिद्रा, स्टेमिना की कमी, खराब मेटाबोलिज्म, चेहरे पर झुर्रियां जैसी समस्याएं सामने आती हैं। मस्तिष्क विकास में बाधा पैदा होती है। इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए शारीरिक श्रम अनिवार्य है। प्रतिदिन वर्कआउट, टहलने और योग जैसी गतिविधियां हमें कई रोगों से बचाती हैं।
- विनीत शुक्ला, बांसवाड़ा
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मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है शारीरिक श्रम
हमारे पूर्वजों का जीवन शारीरिक श्रम पर आधारित था, जिसकी वजह से वे शतायु होते थे, लेकिन वर्तमान समय की जीवनशैली मे शारीरिक श्रम नहीं करने से व्यक्ति मोटापा, मधुमेह और अनियमित रक्तचाप जैसी बीमारियों का शिकार होकर असमय ही कालकलवित हो जाता है। अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी शारीरिक श्रम आवश्यक है
-विशाल यादव, जोबनेर जयपुर
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कमजोर हो रही है इम्यूनिटी
आज के मशीनी युग में व्यक्ति मशीनों का आदी हो गया है। ऑनलाइन ने हर चीज घर तक पहुंचा दी है। कृषि में भी आधुनिक उपकरणों से शारीरिक श्रम कम हो गया है आवागमन के साधनों से व्यक्ति पैदल चलना भूल गया है। इस कारण लोगों मे आलसीपन बढ़ गया है। उनकी इम्यूनिटी पहले की अपेक्षा कमजोर हो गई है, जिसके कारण शुगर, ब्लड प्रेशर आदि बीमारियों का शरीर पर कब्जा हो जाता है। शरीर कमजोर हो जाता है। आजकल बच्चे भी परंपरागत खेल छोडक़र मोबाइल गेम खेलने लग गए हंै, जिसके कारण बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास नहीं हो पा रहा है
-भारत नागर, बामला, बारां
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शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर
शारीरिक श्रम के अभाव में ना सिर्फ शारीरिक बीमारियां बढ़ रही हैं, बल्कि मानसिक तनाव में भी वृद्धि हो रही है। इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के अत्यधिक इस्तेमाल की वजह से आज अधिकांश लोगों में कुछ ना कुछ शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। कुछ मामलों में विलासिता पूर्ण जीवन जीने से मानसिक तनाव में भी वृद्धि देखी जा रही है। पिछले कुछ सालों से व्यक्ति पहले से अधिक आलसी हुए हैं। जो बीमारियां वृद्धों को होती थीं, वे आजकल युवा अवस्था में होने लग गई हैं। शारीरिक श्रम के अभाव में बच्चे सुस्त और आलसी बन रहे हैं। इससे उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।
-एकता शर्मा, गरियाबंद, छत्तीसगढ़
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जरूरी है शरीरिक श्रम
सेहत ठीक रखने के लिए शारीरिक श्रम बेहद जरूरी है। बिना परिश्रम उत्तम स्वास्थ्य अर्जित नहीं किया जा सकता है। आजकल लोग श्रम से जी चुराते हैं। इससे शरीर को बीमारियां आसानी से घेर लेती हैं।
-महेश आचार्य, नागौर
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बीमरियों का घर बन गया है शरीर
मेहनत से बचने के कारण आदमी कई बीमारियों का घर बन कर रह गया है। इससे उसका जीवन मुश्किल हो गया है। इंसान को जितना हो सके शारीरिक श्रम करना चाहिए, ताकि वह स्वस्थ रहे। अगर इंसान स्वस्थ रहेगा तो वह समाज को भी स्वस्थ बनाने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
-शैलेंद्र गुनगुना झालावाड़
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श्रम को दिलाना होगा सम्मान
शारीरिक श्रम से बचने का बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। आज के युग में मानसिक और शारीरिक श्रम में संतुलन बिगड़ गया है। इसका परिणाम यह है कि इंसान बहुत जल्दी बीमािरयों का शिकार हो रहा है। घुटनों की समस्या धीरे-धीरे आम होती जा रही है। आधुनिकता के चक्कर में शारीरिक श्रम को हेय दृष्टि से देखा जाता है। शारीरिक श्रम को हमें सम्मान दिलाना होगा।
-सुमन कागरेचा, कांकरोली, राजसमंद
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शारीरिक श्रम करने से बना रहता है उत्साह
शारीरिक श्रम से बचने के कारण ही लोग ज्यादा बीमारी पड़ रहे हैं। जो व्यक्ति शारीरिक श्रम नहीं करता है, उसका स्वभाव चिड़चिडा हो जाता है और वह आलसी हो जाता है। उसका मन किसी कार्य में नहीं लगता और वह इधर-उधर झगड़ा करता फिरता है। आज की युवा पीढ़ी भी ऐसा कार्य ढूंढ़ती है, जिससे शारीरिक श्रम न करना पड़े और धनार्जन हो जाए। जो व्यक्ति शारीरिक श्रम करता है, उसमें स्फूर्ति और उत्साह रहता है।
-कैलाश चन्द्र मोदी, सादुलपुर, चूरू