सरकार को पोर्नोग्राफी रोकने के लिए सख्ती करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट इंटरनेट पर सभी प्रकार की पोर्नोग्राफी को रोकने के लिए तरीके खोजने को कह चुका है। सरकार को अपराधियों के आइपी ऐड्रेस को ट्रैक कर आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए। आम जन को इस अपराध के बारे में जागरूक करना चाहिए और इससे होने वाले दुष्परिणामों के बारे में बताना चाहिए।
-प्रहलाद राम राड़, मेड़ता सिटी, नागौर
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भारत में पोर्नोग्राफी पर लगाम नहीं लग पा रही है, क्योंकि पोर्न वेबसाइट पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। भारतीय नागरिकों में भी पोर्न के प्रति उत्सुकता बनी रहती हैं, जिससे वे लगातार वेबसाइट खंगालते रहते हैं।
-कुमेर मावई, झालावाड़
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पोर्नोग्राफी पर भारत में लगाम नहीं लग पा रही है। इसका कारण यह है कि इस तरह के काम में प्रभावी लोग भी लिप्त हैं। फिर जांच एजेंसियां भी लापरवाह है। इंटरनेट के जमाने में यू-ट्यूब और सोशल साइट्स पर आसानी से फिल्मों का अपलोड होना है। सबसे बड़ा कारण है पश्चिमी सभ्यता का भारत में तेजी से फैलना और खुद भारत की संस्कृति से युवाओ का दूर जाना है।
-शेर मोहम्मद, नागौर
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देश का युवा उच्च शिक्षा तो हासिल कर रहा है, किन्तु नैतिक मूल्यों से दूर होता जा रहा है। यदि ऐसे घृणित अपराध पर लगाम लगाना है तो शिक्षा के साथ संस्कार होना भी अति आवश्यक है। माता-पिता को भी ध्यान देना चाहिए, छोटे बच्चों को मोबाइल से दूर रखना चाहिए ।
-तुलसीराम यादव, बैतुल
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देश में बढ़ती बलात्कार की घटनाओं के लिए पोर्न वेबसाइट भी जिम्मेदार हंै। अश्लील वेबसाइटें खासकर बच्चों से जुड़ी वेबसाइटें भारत में बच्चों को पोर्नोग्राफी की तरफ धकेल रही हैं। इन पर नियंत्रण की जरूरत है। अगर विदेशों में ऐसी साइटों पर रोक लग सकती है, तो भारत में इन्हें प्रतिबंधित क्यों नहीं किया जा सकता है? पोर्नोग्राफी साइटों को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए, क्योंकि इन साइटों के कारण महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं।
-डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर
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पोर्नोग्राफी एक विश्वव्यापी अभिशाप है। बच्चे ही नहीं बड़े भी इन इस तरह की साइटों पर उलझ जाते हैं। पोर्नोग्राफी साइटों को तुरंत प्रतिबंधित किया जाए और इसके लिए कड़ा कानून बनाया जाए।
-डॉ. प्रभु सिंह झोटवाड़ा
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आइटी अधिनियम की धारा 67 के अंतर्गत चाइल्ड पोर्नोग्राफी अपराध है। इसके बावजूद हमारे देश में अब तक चाइल्ड पोर्नोग्राफी पूरी तरह रुक नहीं पा रही है। इसका मुख्य कारण जिम्मेदारों की अनदेखी है। इस वजह से इन वेबसाइटों पर आसानी से अश्लील सामग्री उपलब्ध हो जाती है। अश्लील सामग्री प्रसारित करने वाली वेबसाइटों को बंद करवाया जाए एवं इस तरह के कार्य में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
-सुदर्शन सोलंकी, मनावर, धार, मप्र
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आज पोर्नोग्राफी ने डिजिटल माध्यम से अधिकांश घरों में सेंघ कर ली है। माता पिता को इतना डिजिटल ज्ञान नहीं होता जितना आजकल के बच्चों को है। बच्चे इंटरनेट की उपलब्धता से पोर्नोग्राफी तक अपनी आसानी से पहुंच बना लेते हैं। दूसरा अन्य देशों में पोर्नोग्राफी अपराध की श्रेणी में नहीं है। इसका फायदा भी समाजकंटक भारत में पोर्नोग्राफी को बढ़ाने में करते हैं। इसकी वजह से यौन अपराधों में इजाफा हो रहा है। सरकारों को इंटरनेट पर चल रही इन वेबसाइटों को त्वरित प्रभाव से रोकना होगा तथा साइबर क्राइम के लिए अधिक दंडात्मक तथा कठोर प्रावधान बनाने होंगे। सरकारों के साथ साथ माता-पिता को भी अपने बच्चों को इन साइबर अपराधों तथा इनके दुष्प्रभावों से अवगत कराना चाहिए।
-एकता शर्मा, गरियाबंद, छत्तीसगढ़
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स्वयं का सुधार करें
मात्र कानून ही अश्लील सामग्री को प्रतिबंधित नहीं कर सकता। कानून तो एक सीमा तक उसे नियंत्रित करने में प्रभावी होता है। इसके लिए व्यक्ति, परिवार और समाज को आगे आने की जरूरत है। लोगों को खुद संस्कारित और जागरूक होना पड़ेगा।
-मनु प्रताप सिंह, चींचडौली, खेतड़ी
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पोर्नोग्राफी देखने वालों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। अश्लीलता जनमानस पर हावी हो रही है। नैतिक मूल्यों का पतन तीव्र गति से हो रहा है। वासना से भरे चलचित्रों को कानून के रखवाले भी चोरी छिपे देखते हैं, आनंद लेते हैं। इसलिए पोर्नोग्राफी पर लगाम लगना आसान नहीं है। बेशुमार मुनाफा कमाने के लिए भी यह धंधा हो रहा है।
-मुकेश भटनागर, वैशालीनगर, भिलाई
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हमारे देश में भी पोर्नोग्राफी कोढ़ की तरह पैर पसार चुकी है। इसलिए सरकार को चाहिए कि पोर्नोग्राफी को रोकने के लिए कानून का पालन सख्ती से करे, ताकि अश्लील सामग्री समाज को दूषित न कर पाए।
-महेश, सक्सेना, भोपाल, मप्र.
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भारत दुनिया का तीसरा सबसे अधिक पोर्न देखने वाला देश है। भारत में निजी डिवाइस पर इस तरह की सामग्री देखने, सुनने या पढऩे पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती है। सरकार की ओर से समय-समय पर बड़ी संख्या में पोर्न वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद इन पर लगाम लगाने में कठिनाई आ रही हैं। इस तरह के वीडियो बनाने वाली कंपनियां वेबसाइट्स के नए-नए डोमेन लेकर आ जाती हैं। पोर्नोग्राफी के प्रभाव से भारतीय समाज में बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए कड़े और सख्त कानूनों की आवश्यकता है।
-नरेश कानूनगो, बेंगलूरू, कर्नाटक