
जवाबदेही तय हो
टोल टैक्स का सिद्धांत स्पष्ट है बेहतर सड़क, तेज़ सफर और सुरक्षित यात्रा। लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल उलट है। गाड़ी चलाने वाला हर व्यक्ति जानता है कि राजमार्गों की हालत किसी परीक्षा से कम नहीं-कभी गड्ढे से बचो, कभी टूटी लेन का खतरा उठाओ। टोल देने वाला नागरिक सेवाओं का हकदार है और जब सेवा ही नहीं मिली तो यह वसूली अन्यायपूर्ण है। बदहाल राजमार्गों को लेकर जवाबदेही भी होनी चाहिए। - ओम प्रकाश ओड़, भीलवाड़ा
कोर्ट ने भी सचेत किया
बदहाल राजमार्गों पर टोल वसूली किसी भी तरह से जायज नहीं है। कोर्ट ने भी कई बार इसी संदर्भ में टोल कंपनियों को उनकी व्यवस्था और टोल वसूली के लिए सचेत किया है। यदि राजमार्गों की स्थिति बेहतर होगी तो विकास और तेजी से होगा। - कृष्ण कांत शर्मा, हिंडौन सिटी
ठगा-सा महसूस होता है
टोल टैक्स चुकाना बेहद खटकता है जब जिन सड़कों पर हम चलते हैं, वे गड्ढों, धुंधले साइनबोर्ड और खराब नालियों से भरी हों। ये शुल्क इसलिए लिए जाते हैं ताकि हमारी सड़कें बेहतर स्थिति में रहें, लेकिन जब वे चलने लायक भी न हों, तो यह सीधा-सीधा ठगा जाने जैसा लगता है। खराब सड़कें दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ाती हैं, गाड़ियों को नुकसान पहुंचाती हैं, ईंधन की बर्बादी करती हैं। अगर सरकार और टोल ऑपरेटर वसूली जारी रखते हैं, तो उन्हें जवाबदेह भी होना चाहिए। - रविन्द्र
जनता पर दोहरी मार
बदहाल राजमार्गों पर टोल वसूली अनुचित है, क्योंकि टोल का उद्देश्य अच्छी, सुरक्षित और तेज यात्रा उपलब्ध कराना है। गड्ढों से भरी सड़कों पर यात्रियों को समय, ईंधन और वाहन का नुकसान उठाना पड़ता है, ऐसे में टैक्स वसूली जनता पर दोहरी मार है। सरकार को चाहिए कि 'नो रोड-नो टोल' नीति लागू कर सड़कें मानक के अनुरूप बनने तक वसूली पर रोक लगाए और टोल राशि का पारदर्शी उपयोग रखरखाव में करे। - हंसराज वर्मा, बिलोचिया
Published on:
25 Aug 2025 04:52 pm
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