
सिर्फ एक तमाशा बन सकता है
'बिग बॉस' जैसे शो के माध्यम से अमरीकी नागरिकता देने का विचार विवादास्पद है। नागरिकता जैसी गंभीर और महत्वपूर्ण प्रक्रिया को एक प्रतियोगिता के रूप में दिखाना अमानवीय और असंवेदनशील प्रतीत हो सकता है। यह आप्रवासन की जटिलताओं और व्यक्तिगत संघर्षों को कम करके सिर्फ एक तमाशा बन सकता है। इस तरह के शो का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए या आप्रवासी विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है।
- डॉ. अजिता शर्मा, उदयपुर
आम आदमी के लिए उम्मीद की किरण
अमरीकी नागरिकता प्राप्त करने के लिए 'बिग बॉस' जैसे शो आयोजित करना अच्छी बात है, लोगों में जागृति आएगी, जनरल नॉलेज बढ़ेगी। विनर होने पर आम आदमी भी अमरीका की नागरिकता प्राप्त कर सकता है। इस शो से आम आदमी को भी उम्मीद की किरण नजर आएगी।
- रामनरेश गुप्ता, जयपुर
कोई औचित्य नहीं है
'बिग बॉस' की तर्ज पर अप्रवासियों को अमरीकी नागरिकता देने के लिए द अमरीकन शो शुरू करने की तैयारी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की बचकानी हरकत लगती है। इससे अपनी मेहनत और काबिलियत के बल पर अमरीका पहुंचे अप्रवासियों की गरिमा को ठेस पहुंचेगी, नागरिकता की गंभीर प्रक्रिया को मनोरंजन में तब्दील करना कहां की बुद्धिमानी है?
- संजय डागा, इंदौर
गंभीर विषय है, हंसी-मजाक नहीं
'बिग बॉस' जैसे टीवी शो अमरीकी नागरिकता जैसे संवेदनशील और गंभीर विषय के लिए उपयुक्त नहीं हैं। नागरिकता एक व्यक्ति की कानूनी, सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारियों का मूल्यांकन होता है। इसे हल्का टीवी शो जैसा बनाना सामाजिक और राजनीतिक विवादों को जन्म दे सकता है। टीवी शो की तर्ज पर नहीं बल्कि संवैधानिक और गंभीर ढंग से संभालकर प्रस्तुत किया जा सकता है।
- डॉ. मुकेश भटनागर, भिलाई, छत्तीसगढ़
नागरिकता के लिए ऐसा विचार चिंताजनक
अमरीकी नागरिकता पाने के लिए 'बिग बॉस' जैसा शो एक चिंताजनक विचार है। नागरिकता एक कानूनी दर्जा है जिसे अर्जित करना होता है और इसे इस तरह गेमिफाई कर तुच्छीकरण करना अनैतिक लगता है। वे मनोरंजन के माध्यम से इसकी दुर्लभता दिखा रहे हैं ताकि उसे पाने के लिए लोग कुछ भी करने को तैयार हो जाएं।
- दीप्ति जैन, उदयपुर, राजस्थान
अनोखा और आकर्षक तरीका
अमरीकी नागरिकता के लिए 'बिग बॉस' जैसा शो एक अनोखा और आकर्षक तरीका हो सकता है लोगों को अमरीकी संस्कृति और मूल्यों के बारे में जानने के लिए। हालांकि, इसके लिए कई अन्य संसाधन उपलब्ध हैं, जैसे कि सरकारी वेबसाइटें, पुस्तकें और शैक्षिक कार्यक्रम। यह एक अतिरिक्त संसाधन के रूप में काम कर सकता है, लेकिन यह मुख्य संसाधन नहीं होना चाहिए।
- संजय निघोजकर, धार (मप्र)
Published on:
19 May 2025 04:28 pm
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