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आपकी बातः महिलाओं को खेलों में प्रोत्साहन देने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत हैं पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं

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जयपुर

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Opinion Desk

Nov 10, 2025

महिला खिलाड़ियों को समर्थन देकर
महिलाओं को खेलों में प्रोत्साहन देने के लिए खेल सुविधाओं का विकास और वित्तीय सहायता जरूरी है। खेल प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने से महिलाएं अपने खेल कौशल को विकसित कर सकती हैं। महिला खिलाड़ियों को समर्थन देना भी महत्वपूर्ण है। इससे महिलाएं समाज के विकास में योगदान कर सकती हैं। - कन्हैया लाल उपाध्याय, बीकानेर

समान अवसर और समानता मिले
महिलाओं के लिए विद्यालय स्तर से ही खेलों को शिक्षा का हिस्सा बनाया जाए। इसके साथ ही आवश्यक है कि उन्हें समान अवसर, सुरक्षित वातावरण और उचित प्रशिक्षण सुविधाएं मिलें। महिला खिलाड़ियों के लिए कोचिंग, पोषण और आर्थिक सहायता सुनिश्चित की जाए। सबसे जरूरी ग्रामीण क्षेत्रों में भी खेल संसाधन उपलब्ध कराने की है, जहां प्रतिभाएं सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ देती है। - अमृतलाल मारू, इंदौर

ग्रामीण क्षेत्रों में हो खेल आयोजन
महिलाओं के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में समय-समय पर विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं आयोजन करवाकर उनका सम्मान करना चाहिए। जो बालिकाएं जिला एवं राज्य स्तर पर भाग लेती है, उन्हें उस खेल को नियमित खेलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। हर ग्राम पंचायत पर व्यवस्थित खेल मैदान एवं खेल सामग्री उपलब्ध होनी चाहिए। एक महिला प्रशिक्षक नियुक्त होनी चाहिए जिससे महिलाओं को खेल खेलने में सुविधा हो। - कुमार जितेन्द्र जीत, मोकलसर

खेल अभियानों को चलाकर
महिलाओं को खेलों में प्रोत्साहन देने के लिए खेल अभियानों को मजबूत किया जाना चाहिए। चयन प्रक्रियाओं को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए ताकि प्रतिभाओं को बिना किसी भेदभाव के आगे बढ़ने का मौका मिले। प्रशिक्षण सुविधाओं, महिलाओं के लिए समान अवसर और बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है। महिला खिलाड़ियों के लिए नौकरी और आरक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए। - मोदिता सनाढ्य, उदयपुर

महिला कोच और मेंटर्स की व्यवस्था
महिलाओं को खेलों में प्रोत्साहित करने के लिए पहले उन्हें बराबरी का माहौल देना होगा। इसके साथ ही स्कूलों और कॉलेजों में स्पोर्ट्स की सुविधाएं बढ़ानी चाहिए, महिला कोच और मेंटर्स की व्यवस्था करनी चाहिए और उन्हें आर्थिक और सामाजिक समर्थन भी देना चाहिए। साथ ही, मीडिया के ज़रिए महिलाओं की उपलब्धियों को बढ़ावा देना और उन्हें रोल मॉडल के तौर पर पेश करना भी ज़रूरी है। - डॉ. अजिता शर्मा, उदयपुर

विद्यालयों में खेल अनिवार्य हो
महिलाओं को खेलों में प्रोत्साहित करने के लिए विद्यालयों व महाविद्यालयों में खेल अनिवार्य किए जाएं। ग्रामीण स्तर पर महिला खेल अकादमियां स्थापित हों, उत्कृष्ट महिला खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति दी जाए। परिवार और समाज में खेल को सम्मानजनक दृष्टि से देखा जाए, सुरक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। मीडिया व संस्थाएं महिला खिलाड़ियों की सफलता की प्रेरणादायक कहानियां प्रस्तुत करें, जिससे नई पीढ़ी में उत्साह और आत्मविश्वास बढ़े। - संजय माकोड़े, बैतूल

खेल प्रशिक्षण सुविधाएं देकर
महिलाओं को स्कूलों और स्थानीय स्तर पर खेल सुविधाएं उपलब्ध कराने से, वे खेलों के प्रति आकर्षित होंगी। उन्हें अनुभवी प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण दिलाया जाए। महिला खिलाडियों के आत्मविश्वास और नेतृत्व कौशल में वृद्धि के लिए, परिवार और समाज उनकी समय-समय प्रशंसा और प्रोत्साहन करें। - नरेश कानूनगो, देवास

प्राथमिक स्तर से शुरुआत हो
लड़कियों को प्राथमिक स्तर से ही विद्यालयों में नियमित खेलों का अभ्यास कराया जाए और बेहतर कोच उपलब्ध हो। महिला खिलाड़ियों को पर्याप्त सुरक्षा और सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए। अच्छे और बड़े खेल के मैदान हो ताकि वह नियमित अभ्यास कर सके। पर्याप्त वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाए। स्थानीय स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन होता रहे तो प्रतिस्पर्धा की भावना से महिला खिलाड़ी उत्साह पूर्वक भाग लेकर आगे बढ़ सकती हैं। - लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़

महिला खेलों के प्रति सोच बदलकर
महिलाओं को खेलों में आगे लाने के लिए परिवार और समाज की सोच बदलनी होगी। स्कूलो और कॉलेजो में खेल सुविधाएं बढ़ाई जाएं, महिला कोच और सुरक्षित माहौल मिले। परिवार और मीडिया दोनों उनका हौसला बढ़ाएं l मीडिया उनकी उपलब्धियों को सम्मान दे, और ग्रामीण स्तर पर खेल शिविर हों। इस तरह बेटियां आत्मविश्वास से मैदान में उतरकर देश का नाम रोशन करेंगी। - डॉ. दीपिका झंवर, जयपुर

रुचि के खेलों को प्रोत्साहित करके
खेलों में महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए उनकी रुचि को आगे बढ़ाने के लिए घर से समर्थन जरूरी है। इसके बाद स्कूली स्तर पर भी उनको आगे लाना चाहिए। उनको खेलने के लिए अच्छे संसाधन और अच्छे कोच की सुविधा उपलब्ध हो। खेल एकेडमी में प्रवेश आसान हो। - निर्मला वशिष्ठ, अलवर


खेलों का प्रचार प्रसार करके
सरकार को ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में खेलों का व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करने की आवश्यकता है। सरकार को खेल मैदान का नाम महिलाओं के नाम पर रखने की योजना शुरू करनी चाहिए। मुख्य रूप से गरीब परिवार की प्रतिभाशाली महिलाओं को निशुल्क ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। योग्य महिला खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए। राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर जो महिला व छात्राएं खेल में अच्छा प्रदर्शन करती हैं, उनके लिए पुरस्कार योजना शुरू होनी चाहिए। - आलोक वालिम्बे, बिलासपुर

खेल को अनिवार्य करके
विद्यालयों और महाविद्यालयों में लड़कियों के लिए खेलों की अनिवार्य और समान सुविधाएं दी जाएं। महिला खेल शिक्षकों की नियुक्ति की जाए ताकि लड़कियां सहज महसूस करें। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में महिलाओं के लिए अलग खेल मैदान, प्रशिक्षण केंद्र बनाए जाएं। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिला खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति, पुरस्कार और नौकरी के अवसर दिए जाएं। - संदीप कटेवा, झुंझुनू

खेल पीरियड को अनिवार्य करके
स्कूल स्तर से ही खेल के प्रति लगाव रखने वाली लड़कियों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए। ऐसी लड़कियों को चिह्नित करके उन्हें प्रॉपर कोचिंग एवं खेलों से संबंधित समस्त संसाधन उपलब्ध करवाया जाना चाहिए। स्कूलों में खेल का पीरियड अनिवार्य रूप से होना चाहिए। - ललित महालकरी, इंदौर

निःशुल्क अभ्यास केन्द्र खोलकर
सरकार निःशुल्क अभ्यास केन्द्र शुरू करे ताकि उनके परिवार के सदस्य आर्थिक खर्चे का बहाना ना बना सके। ग्रामीण क्षेत्रों में रह रही बच्चियों के लिए परिवार की मानसिकता में बदलाव लाना जरूरी हैं। बेटों और बेटियों में भेद करना गलत है। – प्रियव्रत चारण, जोधपुर