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एशियन गेम्स 2026: जापान के आइची-नागोया प्रांत में आयोजित होंगे खेल, खेलों के इतिहास में पहला मौका

ताकेडा का यह विचार हालांकि कुवैत और फलस्तीन जैसे कई ओसीए सदस्यों को पसंद नहीं आया, जिन्होंने चिंता जताई और कहा कि ऐसा कदम खेलों की भावना के अनुरूप नहीं होगा। नवनिर्वाचित ओसीए अध्यक्ष रणधीर सिंह भी इस विचार से खुश नहीं हैं।

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जापान के आइची-नागोया प्रांत में आयोजित होने वाले 2026 एशियाई खेलों में खेल गांव नहीं होगा और खिलाड़ियों को होटलों तथा क्रूज जहाजों में ठहराया जाएगा। एशियाई खेलों में यह पहली बार होगा जब खिलाड़ियों के लिए कोई खेल गांव नहीं होगा। एशिया ओलंपिक परिषद की 44वीं आम सभा के दौरान जापान ओलंपिक समिति के पूर्व अध्यक्ष त्सुनेकाजू ताकेदा ने रविवार को यहां बताया कि आइची प्रांत और नागोया शहर द्वारा सह-मेजबानी की जाने वाली महाद्वीपीय आयोजन में कोई ओलंपिक गांव नहीं होगा।

दो प्रांतों में होगा आयोजन
ताकेडा ने खेलों की तैयारियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा, हमारे पास खेल गांव नहीं होगा क्योंकि खेल दो प्रांतों में आयोजित किए जाएंगे। इसके बजाय हम एथलीटों और गणमान्य व्यक्तियों को होटलों और क्रूज जहाजों में ठहराने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। 2026 एशियाई खेलों के उपाध्यक्ष ताकेडा ने कहा, हमने होटल के कमरों के अलावा 4,000 एथलीटों और अधिकारियों के लिए क्रूज जहाजों की व्यवस्था की है।

कुवैत व फिलिस्तीन ने जताई चिंता
ताकेडा का यह विचार हालांकि कुवैत और फलस्तीन जैसे कई ओसीए सदस्यों को पसंद नहीं आया, जिन्होंने चिंता जताई और कहा कि ऐसा कदम खेलों की भावना के अनुरूप नहीं होगा। नवनिर्वाचित ओसीए अध्यक्ष रणधीर सिंह भी इस विचार से खुश नहीं हैं।

एक साथ रहने के लिए खेल गांव अहम
ओसीए के अध्यक्ष रणधीर सिंह ने कहा, 'हमें एक जगह रहना चाहिए इसलिए युवाओं को एक साथ रखने के लिए खेल गांव सबसे महत्वपूर्ण है। इस तरह के आयोजन में खेल गांव का जीवन सबसे महत्वपूर्ण है।'

टीम व व्यक्गित स्पर्धाओं में कम होगी भागीदारी
रणधीर ने संकेत दिया कि ओसीए टीम के साथ-साथ व्यक्तिगत स्पर्धाओं में भागीदारी की संख्या कम करने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा, पिछली बार 40 खेलों में 15,0000 एथलीटों ने भाग लिया था। पिछली बार फुटबॉल में 32 टीमें थीं लेकिन इस बार हम इस संख्या को शीर्ष आठ टीमों की तरह सीमित करना चाहेंगे। उन्होंने कहा, व्यक्तिगत आयोजनों में भी ऐसा होगा। हमें संख्याओं को सीमित करने की आवश्यकता है। दो या तीन से अधिक प्रतिनिधित्व नहीं हो सकते।