ऐसा रहा बजरंग का सफर
बजरंग ने अपने पहले राउंड से लेकर फाइनल से पहले तक के मुकाबले एकतरफा अंदाज में जीते। पहले राउंड में श्रीलंका के डिवोशन चार्ल्स फर्नाडो को 10-0 से हराया। इसके बाद क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ईरानी पहलवान पेईमैन बियोकागा बियाबानी को 6-0 से मात दी। फिर सेमीफाइनल में उज्बेकिस्तान के सिरोजिदिन खासानोव को 12-1 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था।
बजरंग के गुरु ने जताई खुशी
बजरंग का एशियाई चैम्पियनशिप में यह दूसरा स्वर्ण समेत यह पांचवां पदक है। वह 2017 में भी स्वर्ण जीत चुके हैं। इसके अलावा 2014 में रजत और 2013 तथा 2018 में कांस्य पदक जीता था।
बजरंग की जीत पर कुश्ती से संन्यास ले चुके उनके गुरु योगेश्वर दत्त ने खुशी जताई। योगेश्वर लंदन ओलंपिक के कांस्य पदकधारी हैं।
सत्यव्रत को मिला कांस्य
97 किग्रा भार वर्ग सत्यव्रत कादियान ने कांस्य पदक पर कब्जा जमाया। वह क्वार्टर फाइनल मुकाबले में मंगोलिया के पहलवान से हार गए थे, लेकिन उनके फाइनल में पहुंचने पर उन्हें रेपचेज मुकाबला खेलने का मौका मिला और इसमें जीत हासिल कर उन्होंने कांस्य पदक अपने नाम कर लिया।