इस बारे में जब भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल से पूछा गया तो उन्होंने बेबाकी से अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि हाल के समय में भारत में महिला हॉकी की दशा में बदलाव आया है और नई पीढ़ी ने इसमें काफी रुचि दिखाई है जिससे देश में इस खेल का और विकास होगा।
24 साल की रानी ने कहा, “पिछले कुछ वर्षो में हॉकी के परिदृश्य में बदलाव आया है। 2016 में हुआ वर्ल्ड कप महिला हॉकी को सुर्खियों में लेकर आया। नए खिलाड़ी बहुत ही प्रतिभाशाली हैं और उनसे कई चीजें सीखी जा सकती हैं।”
रानी ने कहा, “महिला हॉकी के आगे बढ़ने और विकास के अगले चरण में शामिल होने के साथ-साथ उन खिलाड़ियों के लिए नए दरवाजे खुल गए हैं जो इस खेल को पेशेवर स्तर पर खेलना चाहते हैं।”
हॉकी में अब तक के अपने सफर पर रानी ने कहा, “मुझे हमेशा से हॉकी खेलना पसंद था। मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि मुझे भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा और मैं इतना अच्छा करियर बना पाऊंगी। मैंने 14 साल की उम्र में पेशेवर हॉकी खेलना शुरू किया था। तब से लेकर अब तक जितनी भी बार मैंने अपने देश को गौरवान्वित किया है, वह मेरे लिए विशेष क्षण रहा है।”