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चेस के चाहने वालों के लिए बड़ी ख़बर, फिडे ने भारतीय खिलाड़ियों पर लगा बैन हटाया

एआईसीएफ ने दस साल पहले लगाया था बैन। फीडे ने बैन हटाने के साथ ही ईएलओ रेटिंग्स भी की बहाल। एआईसीएफ पर बरसे भारतीय खिलाड़ी, दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग।

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Manoj Sharma Sports

May 27, 2019

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Hurt by the neglect of chess, the district president resigned

चेन्नई। देश में शतरंज के चाहने वालों के लिए बड़ी खुशी की ख़बर आ रही है। अंतरर्राष्ट्री शतरंज महासंघ ने अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) पर बैन किए गए खिलाड़ियों को पर से बैन हटाने का आदेश दिया है। बैन के अलावा फिडे ने भारतीय खिलाड़ियों की ईएलओ रेटिंग्स को भी बहाल कर दिया है।

फिडे के अध्यक्ष अकार्डी वोरकोविच ने एक बयान में कहा, "तकरीबन एक दशक पहले, फिडे ने एआईसीएफ की तरफ से कई खिलाड़ियों की इएलओ रेटिंग्स हटा दी थी और उनके रिकार्ड को भी हटा दिया था। आज हम इस बात को बता कर काफी खुश हैं कि हम इन सभी खिलाड़ियों को तुरंत प्रभाव से स्वागत करते हैं।

प्रतिबंधित किए गए खिलाड़ियों में से एक गुरप्रीत पाल सिंह ने कहा, "यह बड़ी ख़बर है न सिर्फ प्रभावित खिलाड़ियों के लिए बल्कि भारत के सभी शतरंज खिलाड़ियों के लिए। यह एआईसीएफ और उसके अधिकारियों के मुंह पर तमाचा है जिन्होंने कई खिलाड़ियों के करियर को खत्म कर दिया।"

एक और प्रतिबंधित खिलाड़ी करुण दुग्गल ने कहा, "जिन एआईसीएफ अधिकारियों ने हम पर बैन लगाया था और हमारी इएलओ रेटिंग्स हटा दी थी वो कई वर्षों से पदों पर बने हुए हैं, उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।"

फिडे के बयान में हालांकि इस बात का जिक्र नहीं है कि एआईसीएफ ने जिन खिलाड़ियों को प्रतिबंधित किया था उनकी वापसी की प्रक्रिया क्या होगी।