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विश्व चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में हारे गौरव बिधुड़ी, कांस्य से ही करना पड़ा संतोष

भारतीय मुक्केबाज गौरव बिधुड़ी विश्व चैपिंयनशीप के सेमीफाइनल मुकाबले में हार गए। इस हार के साथ ही गौरव को कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। 

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gaurav bidhuri

नई दिल्ली। जर्मनी के हैमबर्ग में चल रहे विश्व मुक्केबाजी चैपिंयनशीप के सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय युवा मुक्केबाज गौरव बिधुड़ी को हार मिली। पुरुषों के 56 किलोग्राम भार वर्ग में सेमीफाइनल तक पहुंच कर देश का मान बढ़ाने वाले गौरव खिताबी भिड़त से मात्र एक जीत दूर रह गए। सेमीफाइनल मुकाबले में गौरव को अमरीका के ड्यूक रागान ने मात दी। इस हार के साथ ही गौरव को कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा।

ऐसा रहा मुकाबला

सेमीफाइनल मुकाबले में गौरव बिधुड़ी अमरीकी मुक्केबाज के सामने बुरी तरीके धराशाही हो गए। रागान ने बिधुड़ी को 5-0 के अंतर से पराजित कर फाइनल का टिकट पक्का किया। आपको बता दें कि रागान अमरीका की ओर से खेलने वाले विश्वस्तरीय मुक्केबाज हैं। जिसके सामने बिधुड़ी को हार का सामना करना पड़ा।

इतिहास रचने के करीब थें गौरव

गौरव इस चैम्पियनशिप में इतिहास रचने के करीब आकर चूक गए। वह अगर जीत जाते तो इस चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बनाने वाले पहले भारतीय होते। 24 साल के गौरव इस चैम्पियनशिप में पहली बार उतरे थे। वह इस चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाले चौथे भारतीय मुक्केबाज हैं। उनसे पहले विजेंदर सिंह, विकास कृष्णा और शिव थापा इस चैम्पियनशिप में पदक जीत चुके हैं।

विजेंदर ने पाया था पहला पदक

विजेंदर इस चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज थे। उन्होंने 2009 में पदक जीता था। जिसके बाद विकास ने 2011 में कांस्य पदक पर अपना कब्जा किया था। जबिक भारतीय मुक्केबाज थापा ने 2015 में पदक जीतने में कामयाबी हासिल की थी।

गौरव ने दिखाई हिम्मत

अमेरिकी खिलाड़ी को हालांकि सभी रेफरियों ने सर्वसहमति से विजेता चुना लेकिन गौरव ने उनका अच्छा मुकाबला किया और रेफरियों द्वारा दिया गया स्कोर काफी करीबी था। पांच में से चार रेफरियों ने 30-27 का स्कोर दिया तो वहीं एक रेफरी ने 30-26 का स्कोर दिया। आपको बता दें गौरव पिछले 15 महीने पीठ दर्द की समस्या से परेशान थें। जिसके बाद कांस्य पदक पक्का कर उन्होंने देश का मान बढ़ाया है।