100 मीटर फ़ाइनल में 8 रेसर ने हिस्सा लिया था। लाइल्स और थॉम्पसन के अलावा अमेरिका के ही फ्रेड केर्ली तीसरे नंबर पर रहे। इटली के डिफेंडिंग ओलंपिक चैंपियन मार्सेल जैकब्स पांचवे नंबर पर रहे। दिलचस्प बात यह थी कि 50 मीटर तक नोआ लाइल्स 7वें नंबर पर चल रहे थे। उसके बाद आखिरी में उन्होंने रेस को खींचा और 9.784 सेकंड में रेस पूरी की। यह उनका पर्सनल बेस्ट भी है। वहीं, थॉम्पसन 9.789 सेकंड के साथ दूसरे स्थान पर रहे। दोनों धावकों के बीच महज 0.005 सेकंड का अंतर रहा, जिससे यह मुकाबला ओलंपिक इतिहास के सबसे करीबी मुकाबलों में से एक बन गया। 23 साल के थॉम्पसन इस समय दुनिया के सबसे तेज रेसर में शामिल हैं।
पुरुषों की 100 मीटर फाइनल का रिजल्ट
गोल्ड: नोआ लाइल्स (यूएसए) – 9.784s
सिल्वर: किशन थॉम्पसन (जमैका) – 9.789s
ब्रॉन्ज: फ्रेड केर्ली (यूएसए) – 9.810s करीबी मुक़ाबले होने के चलते एक विवाद भी हुआ। दरअसल इस रेस में लाइल्स और थॉम्पसन ने फोटो फिनिश किया। थॉम्पसन का पैर पहले फिनिश लाइन के पार गया था। बावजूद इसके गोल्ड मेडल लाइल्स को दिया गया। दरअसल नियम के अनुसार पैर के लाइन क्रॉस करने से रेस पूरी नहीं होती है। हाथ भी अगर लाइन के पास पहुंचता है तो भी रेस फिनिश नहीं मानी जाती है।
रेसर को फिनिश लाइन के पार तब माना जाता है जब उसका टर्सो यानि धड़ फिनिश लिने के पार जाये। सिर पहले लाइन पर जाने से भी एथलीट की रेस को फिनिश नहीं माना जाता है। इसके बाद भी सभी एथलीट रेस खत्म होने के समय सिर आगे की तरफ लेकर जाते हैं। इससे धड़ खुद ही सिर के साथ आगे की तरफ चला जाता है।