इस दौरान मनीष नरवाल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह युवाओं को एक ही संदेश देना चाहते हैं कि बस किसी भी सूरत पर हार नहीं माननी चाहिए। अगर कोई खिलाड़ी मेहनत और लगन से अपने खेल के प्रति एकाग्रता रखता है तो निश्चित ही वह आने वाले समय में एक बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है।
मनीष नरवाल के पिता ने कहा, “मुझे अपने बेटे पर गर्व है। मनीष ने परिवार के साथ-साथ देश का भी नाम ऊंचा किया है। मनीष पहले भी पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीत चुका है। इस बार वह 10 मीटर में सिल्वर मेडल लेकर आया है, वह गोल्ड से चूक गया है। लेकिन, अगली बार 2028 में वह गोल्ड मेडल लेकर जरूर आएगा।”
मालूम हो कि, पेरिस पैरालंपिक 2024 में मनीष नरवाल ने पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग एसएच1 स्पर्धा में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पैरा-शूटर्स के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते हुए मनीष नरवाल ने सटीकता और फोकस का पूरा प्रदर्शन करके दिखाया।
मनीष नरवाल इससे पहले भी टोक्यो में आयोजित पैरा ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर तिरंगे को ऊंचा कर चुके हैं। भारत ने अपने पैरा एथलीटों के दम पर पेरिस पैरालंपिक में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 29 मेडल अपने नाम किए थे। इसके साथ ही भारत ने टोक्यो पैरालंपिक 2020 का 19 मेडल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।