
नई दिल्ली।
अफगानिस्तान में तालिबान को सत्ता पर काबिज कराने और सरकार में हक्कानी गुट को अहम पद दिलाने में मददगार पाकिस्तान ने अपने आईएसआई प्रमुख फैज हामिद का तबादला कर दिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने फिलहाल तो हामिद को पाकिस्तान आर्मी में नियुक्त करते हुए पेशावर जोन का कमांडर बना दिया है। मगर माना जा रहा है कि यह हामिद के लिए सजा नहीं बल्कि, जल्द ही उन्हें बड़ा इनाम मिलने वाला है और यह उसकी छोटी शुरुआत है।
दरअसल, आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी को काबुल में अहम पद दिलाने वाले आईएसआई के चीफ लेफ्टिनेंट कर्नल फैज हमीद को आईएसआई पेशावर जोन का कमांडर बनाया गया है। कहा यह भी जा रहा है कि इमरान सरकार उन्हें पाकिस्तानी सेना का अगला प्रमुख बनाने की तैयारी कर रही है।
पेशावर जोन के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद वर्ष 2022 में अपने सीनियर और बलूच रेजिमेंट के सीनियर जनरल कमर जावेद बाजवा को पाकिस्तान सेना के अगले प्रमुख के रूप में रिप्लेस कर सकते हैं। बता दें कि पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल बाजवा नवंबर 2022 में इस पद पर 6 साल का कार्यकाल पूरा करेंगे।
वहीं, लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद को पेशावर जोन का कमांडर इसलिए बनाया गया है, क्योंकि पाकिस्तानी सेना प्रमुख के पद के दावेदारों के लिए कम से कम एक साल के लिए किसी कोर स्तर के फॉर्मेशन की कमान होना अनिवार्य है। पड़ोसी देश अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के मद्देनजर इसे महत्वपूर्ण पद माना जा रहा है।
जनरल फैज हामिद ने 2015-2017 के बीच सिंध प्रांत के पानो अकील में एक पैदल सेना डिवीजन की कमान के बाद रावलपिंडी जीएचक्यू में स्टाफ पोस्टिंग के रूप में काम किया है। वह आईएसआई के 24वें प्रमुख थे और अब कराची कोर के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम ने उनकी जगह ली है।
पेशावर जोन के कमांडर के तौर पर हामिद तालिबान के मिरामशाह शूरा, खैबर-पख्तूनख्वा के अकोरा खट्टक में हक्कानिया मदरसे के साथ सीधे संपर्क में रहेंगे और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के साथ बातचीत का भी हिस्सा होंगे। बता दें कि पेशावर कोर अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर खैबर दर्रे को नियंत्रित करता है और वखान कॉरिडोर पर भी नजर रखता है, जो झिंजियांग में जाता है। वैसे, हामिद को बाजवा का करीबी माना जाता है और उन्हें ऐसे महत्वपूर्ण समय में आईएसआई प्रमुख नियुक्त किया गया था जब कई बाहरी और आंतरिक सुरक्षा चुनौतियां थीं।
Published on:
07 Oct 2021 02:31 pm
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