
इस्लामाबाद। मोदी सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 को खत्म करने के साथ ही भारत-पाकिस्तान में बढ़ते टकराव के बीच गुरुवार को एक बड़ी खबर सामने आई।
पाकिस्तान ? ने गुरुवार को कहा कि यदि भारत जम्मू-कश्मीर के संबंध में अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगा, तो वह राजनयिक संबंधों को आगे बढ़ाने को लेकर समीक्षा कर सकता है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा 'क्या वे (भारत) अपने निर्णयों की समीक्षा करने के लिए तैयार हैं? यदि वे (भारत) करते हैं, तो हम अपने निर्णयों की समीक्षा भी कर सकते हैं। समीक्षा दोनों तरफ होगी। यही बात शिमला समझौते में भी कही गई है।
बता दें कि इससे पहले भारत ने राजनियक संबंध खत्म करने को लेकर दुख व्यक्त किया और पाकिस्तान से आग्रह किया कि वे अपने फैसले की समीक्षा करें।
इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में, कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान सैन्य कार्रवाई को नहीं देख रहा है, 'हम किसी भी आक्रामकता के मामले में जवाब देने का अधिकार सुरक्षित नहीं रखते हैं'।
भारत ने पाकिस्तान के बयान पर जताया एतराज
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने के बाद पाकिस्तान से उठाए जा रहे कदमों को लेकर भारत ने एतराज जताया है। भारत ने साफ कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने का मसला हमारा आंतरिक मामला है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देकर वहां हस्तक्षेप करने की कोशिश कभी भी सफल नहीं होगी। राज्य के विकास के लिए भारत का संविधान पूरी तरह से हमें इजाजत देता है।
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बता दें कि पाकिस्तान ने धारा 370 के खत्म होने के साथ ही बौखलाहट में भारत के खिलाफ कई कदम उठाए। पाकिस्तान ने एक के बाद एक कई फैसले लिए जिसमें समझौता एक्सप्रेस को स्थगित करना, अपना एयर स्पेस को भारतीय उड़ानों के लिए बंद करना, राजनयिक संबंध तोड़ना, भारतीय उच्चायुक्त का निष्काषित करना, भारत के साथ व्यापारिक संबंध भी तोड़ना आदि शामिल है।
Updated on:
09 Aug 2019 07:40 am
Published on:
08 Aug 2019 06:37 pm
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