
पाकिस्तान: जेलों में बंद हैं कई 'कुलभूषण', रिहाई में रोड़े अटकाती है पाक सरकारें
इस्लामाबाद। भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ऑफ जस्टिस ( International Court of Justice ) में सुनवाई हुई। ICJ ने अपने फैसले में पाकिस्तान को फटकार लगाई और जाधव की फांसी पर रोक लगाते हुए कॉन्सुलर एक्सेस देने का आदेश दिया।
इसके अलावा पाकिस्तान से यह भी कहा कि वह सैन्य अदालत की ओर से जाधव को सुनाए गए फैसले पर पुनर्विचार करे। हालांकि ICJ ने भारत की भी कुछ मांगों को ठुकरा दिया, जिसमें जाधव की तत्काल रिहाई का आदेश देने का मांग सबसे महत्वपूर्ण था।
इन सबके बीच अब सवाल उठता है कि पाकिस्तान क्या करेगा? क्या पाकिस्तान ICJ के फैसले को मानेगा? क्या पाकिस्तान जाधव को काउंसलर एक्सेस देगा? पाकिस्तान में जाधव किस हालत में है? क्योंकि इस तरह के मामले में पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड ठीक नहीं है।
ऐसा इसलिए है कि पाकिस्तान की जेलों में सिर्फ अकेले कुलभूषण जाधव झूठे आरोपों में बंद नहीं है बल्कि ऐसे कई भारतीय हैं जो पाकिस्तान की झूठ और साजिश के तहत वर्षों से वहां की जेलों में बंद हैं और न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
कई ऐसे भी हैं जिनके बारे में तो कुछ भी पता नहीं है कि वे जिन्दा भी हैं या नहीं। क्योंकि इससे पहले भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह के साथ पाकिस्तान ने क्या किया था यह पूरी दुनिया को मालूम है। इसलिए कुलभूषण मामले में पाकिस्तान ICJ के आदेशों को मानेगा, इसपर संदेह है। फिलहाल पाकिस्तान ने आईसीजे के फैसले को मानते हुए कुलभूषण को कॉन्सुलर एक्सेस दने की मांग स्वीकार कर चुका है।
पाक की जेलों में बंद हैं कई भारतीय
पाकिस्तान की जेलों में कई भारतीय बंद हैं। केंद्र सरकार के आंकड़ों को मानें तो 273 भारतीय नागरिक पाक के विभिन्न जेलों में बंद हैं। इसमें से 64 आम नागरिक (सिविलियन) हैं, जबकि 209 मछुआरे हैं।
पाकिस्तान ने 1 जुलाई 2019 को इस बात की पुष्टि की थी कि उसकी जेलों में भारत के 52 सिविलियन और 209 मछुआरे कैद हैं।
सरबजीत पर पाकिस्तान की खुली थी पोल
भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह मामले पर पाकिस्तान की पोल खुल गई थी। गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान सीमा में घुसने वाले सरबजीत पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। पाकिस्तान ने सरबजीत पर आतंकवाद के झूठे इल्जाम लगाकर जेल भेज दिया था। बता दें कि 1990 में पंजाब से पाकिस्तान की सीमा में घुस गए थे।
पाकिस्तान की कोर्ट ने सरबजीत पर बम धमाकों के आरोप लगाकर मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद वर्षों तक पाकिस्तान की जेल में बंद रखा गया। इसके बाद सरबजीत की ओर से कई बार दया की याचिका दायर की गई लेकिन हर बार इसे टाल दिया गया और अंत में 26 अप्रैल 2013 को पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में सरबजीत की हत्या कर दी गई।
सरबजीत के अलावा मुंबई के सॉफ्टवेयर इंजीनियर हामिद अंसारी पर भी पाकिस्तान ने आतंकवाद के झूठे आरोप लगाकर जेल में बंद कर दिया गया था।
हामिद अपनी एक महिला दोस्त के कारण पाकिस्तान पहुंच गए थे। हालांकि हामिद की किस्मत अच्छी थी कि वह भारत की कोशिशों के कारण बच गए और पिछले साल रिहा होकर वतन वापसी भी कर ली। हामिद को गिरफ्तार कर 6 साल तक पाक की जेल में रखा गया था। हामिद पर भी जाधव की तरह जासूसी का आरोप लगाया गया था।
बीते पांच साल में 2110 कैदियों की हुई रिहाई
पाकिस्तान की जेल में बंद सैंकड़ों भारतीय की रिहाई के लिए भारत सरकार ने कई कदम उठाए हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल (2014-19) में पाकिस्तान की जेलों से 2110 कैदियों की रिहाई हुई है।
बीते महीने 11 जुलाई तक पाकिस्तान ने 355 भारतीय मछुआरों और 7 सिविलियन कैदियों को रिहा किया था।
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Updated on:
19 Jul 2019 11:18 am
Published on:
19 Jul 2019 07:17 am
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