
नई दिल्ली।
अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने और अमरीकी सैनिकों की वापसी के बाद से ही पाकिस्तान कुछ ज्यादा सक्रिय नजर आ रहा है। उसके साथ-साथ तालिबान के मददगार बने रूस और चीन भी इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ फैज हामिद ने रूस और चीन समेत कुछ क्षेत्रीय देशों के खुफिया प्रमुखों संग अहम बैठक की है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आईएसआई के चीफ फैज हामिद ने चीन, रूस, ईरान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के खुफिया प्रमुखों के साथ अफगानिस्तान मुद्दे पर बैठक की। हालांकि, बैठक में किन मुद्दों पर बात हुई और इसका एजेंडा क्या रहा, यह जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है।
सूत्रों की मानें तो आईएसआई चीफ फैज हामिद ने अफगानिस्तान की स्थिति, शांति व्यवस्था और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सहयोग और इसके तरीके पर बात की। बैठक में रूस, चीन, ईरान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों संग बात की गई। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में सिर्फ चीन, रूस, ईरान और ताजिकिस्तान की खुफिया टीमों ने हिस्सा लिया।
वहीं, पिछले दिनों खबर आई थी कि पाकिस्तान अफगानिस्तान से कुछ खुफिया दस्तावेज अपने साथ ले गया है। पाकिस्तान अपने साथ जो गोपनीय दस्तावेज ले गया है, वह खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस यानी आईएसआई ने अपने कब्जे में ले लिया है। इन दस्तावेजों में मुख्य रूप से एनडीएस के गोपनीय दस्तावेज कई डिजिटल जानकारी थी। वहीं, सूत्रों की मानें इस डाटाको आईएसआई अपने इस्तेमाल के लिए तैयार करेगा। माना जा रहा है कि यह सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हो सकता है।
तालिबान की नई सरकार में हिबातुल्लाह अखुंदजादा को सुप्रीम लीडर बनाया गया है। वहीं, मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री बनाया गया है। मुल्ला बरादर को उप प्रधानमंत्री पद दिया गया है, जबकि बरादर खुद प्रधानमंत्री पद के दावेदार माना जा रहा था। तालिबानी सरकार में आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क से जुड़े सदस्यों को भी अहम पद दिया गया है। इससे दुनियाभर में कई देशों की चिंता बढ़ गई है।
Published on:
12 Sept 2021 08:36 am
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