यह धमाका उस समय हुआ जब बुलेट प्रुफ गाड़ी में 23 चीनी इंजीनियरिंग टीम ग्वादर शहर से गुजर रही थी। अब सवाल उठता है कि जम्म कश्मीर के मसले पर गलबहिंया करने वाले चीन और पाकिस्तान से पाकिस्तान में ही इतनी नफरत कौन और क्यों कर रहा है। वही बलूचिस्तान है जिसका जिक्र 2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को किया था।
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बीएलए ने बदला पैटर्न
बलूचिस्तान की आजादी की मांग को लेकर स्थानीय नागरिकों ने बलूच लिबरेशन आर्मी का गठन किया। अब यही आर्मी पाकिस्तान के लिए मौत का द्वार खोले हुए है। कभी बलूचों के निशाने पर पाकिस्तानी सेना हुआ करती थी अब चीनी हैं। दरअसल पाकिस्तान ने बलूचिस्तान में चीन को कई प्रोजेक्ट सौंप दिए हैं और बलूचिस्तान इसका लगातार विरोध कर रहा है। यही वजह है कि चीनी अब बलूचों के निशाने पर हैं। ग्वादर पोर्ट भी यहीं है और चीन इसे विकसित करने में लगा हुआ है। बीएलए चीन का विरोध कर रहा है।
चीन कर रहा है दोहन
बलोचों का मानना है कि चीनी यहां के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहे हैं। बलूचों की माने तो यहां प्राकृतिक संसाधनों की भरमार हैं। सोने जैसी कीमती कई धातुएं इस क्षेत्र हैं। चीनियों के आने से यहां सोने का उत्पादन बढ़ गया है। यहां पाक की सबसे बड़ी गैस फील्ड है। चीन यहां विस्तारवादी नीति के तहत काम कर रहा है। यही प्रांत के लिए मुसीबत है। सबसे ज्यादा खनिज वाला प्रदेश पाकिस्तान का सबसे पिछड़ा प्रांत है। यही वजह है कि यह लगातार पाकिस्तान से ही अलग होने का प्रयास कर रहा है।
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निशाने पर रहे चीनी
13 अगस्त 2023: बम धमाके में चार चीनियों की मौत
26 अप्रैल 2022: कराची में बम धमाके में तीन चीनी की मौत
14 जुलाई 2021: खैर पख्तूनख्वा में बम धमाके में 10 की मौत
28 जुलाई 2021: कराची में चीनी गाड़ियों पर गोलीबारी
11 मई 2019: ग्वादर में एक होटल पर हमला किया गया था जहां चीनी ठहरे थे.
23 मई 2018: चीनी दूतावास पर हमला