
पश्चिमी देशों व चीनी रक्षा सामानों पर इमरान खान का भरोसा खत्म, रूसी हथियारों में बढ़ी पाक की दिलचस्पी
इस्लामाबाद। अपनी सैन्य ताकत को और अधिक बढ़ाने में जुटे पाकिस्तान ( Pakistan ) ने एक बड़ा फैसला लिया है। अपनी जरूरत के रक्षा सामानों के लिए पश्चिमी देशों या चीन पर निर्भर रहने वाले पाकिस्तान ने अब दक्षिण एशियाई देशों के साथ खरीद प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का विचार किया है। इसको लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ( Imran Khan ) जल्द ही एक बड़ा फैसला कर सकते हैं।
इमरान खान ने कहा है कि पाकिस्तान रूसी हथियारों को खरीदने की रणनीति बना रहा है। मॉस्को बहुत कुछ ऑफर कर सकता है। इसमें मुख्य युद्धक टैंक और फाइटर जेट या हेलीकॉप्टर और वायु रक्षा प्रणाली हो सकता है।
रूस के साथ पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियां
अधिकारी के मुताबिक, इमरान खान ने कहा है कि कई दशकों तक पाकिस्तान की सेना ने पश्चिमी और चीनी रक्षा सामानों पर भरोसा किया है। लेकिन अब समय बदल गया है और पाकिस्तान अपना दायरा बढ़ाते हुए एशियाई देश रूस की ओर देख रहा है। पाकिस्तान मॉस्को ( Moscow ) के साथ सैन्य संबंध को बढ़ाना चाहता है और इसके लिए रूसी हथियारों को खरीदने पर जोर दे रहा है।
बीते दिनों इमरान खान ने स्पुतनिक को दिए अपने साक्षात्कार में यह बात कही थी कि पाकिस्तान अमरीका से जुड़ा था और जैसा कि हम सभी जानते हैं, भारत सोवियत संघ से जुड़ा हुआ था। लेकिन अब दौर बदल गया है। पाकिस्तान आर्मी T-90, जो कि मुख्य युद्धक टैंक (MBT) है, खरीदने की इच्छुक हो सकती है। भारत ( India ) में 2000 से ही उपयोग में है। हाल के समय में पाकिस्तान का रूझान चीन व यूक्रेन के बने सामानों की ओर कम हुआ है।
विशेषज्ञों का कहना है कि रूसी हेलीकॉप्टर में पाकिस्तान की ज्यादा रूचि है। पाकिस्तानी वायु सेना ने चार Mi-24 जो कि दुनिया के आधुनिक हेलीकॉप्टर युध्दक प्रणाली का नवीनतम संस्करण है और चार Mi-35Ms का ऑर्डर दिया है। पाकिस्तान में पहले से ही छह Mi-171 सेवा में है।
प्रतिद्वंदी भारत से पाकिस्तान की प्रतिस्पर्धा
अपनी रक्षा प्रणाली और सामरिक क्षमता को मजबूत करने की दिशा में भारत काफी आगे बढ़ चुका है। पाकिस्तान, भारत के साथ इसको लेकर प्रतिस्पर्धा कर रहा है। भारत ने S-400 रूसी मिसाइल तकनीक को माॉस्को से खरीद रहा है।
अब पाकिस्तान भी S-400 को खरीदने की सोच रहा है। दुनिया के कई देश S-400 को खरीदने के लिए रूस के साथ करार कर चुके हैं। रूस भी पाकिस्तान को हथियार बेचना चाहता है, क्योंकि पाकिस्तान एक उभरता हुआ हथियार व्यापार बाजार है, और रूसी हथियारों की मांग आने वाले वर्षों में 8-9 बिलियन डॉलर हो सकती है।
भारत अब अपने रक्षा सामानों के लिए अमरीका और यूरोप की ओर तेजी से बढ़ रहा है, लिहाजा रूस नए अवसर की तलाश की और बढ़ते हुए पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने की ओर बढ़ रहा है।
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Updated on:
17 Jun 2019 01:55 pm
Published on:
17 Jun 2019 07:07 am
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