
राजीव दवे
राजस्थान के 300 हेक्टेयर तक के छोटे बांध पंचायतीराज संस्थाओं के स्थान पर अब सिंचाई विभाग संभालेगा। प्रदेश के ऐसे 3 हजार 236 बांधों को हस्तांतरित करना प्रस्तावित किया गया है। हस्तांतरण के बाद इन बांधों की जल संरचनाओं का वापस प्रबंधन किया जाएगा। इन बांधों का भौतिक सत्यापन सिंचाई विभाग की ओर से शुरू करवाया गया है। बांधों का हस्तांतरण होने के बाद उस बांध व तालाब की मरमत, रखरखाव, आय प्राप्ति, उसके जल का उपयोग आदि के लिए जल संसाधन विभाग के अधीन रहेगा।
सरकार की ओर से 13 फरवरी 2001 व 30 जून 2003 के तहत 80 हेक्टेयर के 2191 बांध व तालाब तथा 300 हेक्टेयर तक के 1045 बांध व तालाब पंचायती राज संस्थाओं को दिए गए थे। उस समय इन बांधों पर कार्यरत कार्मिक भी पंचायतीराज में गए थे। अब बांधों को वापस सिंचाई विभाग में लेने पर वे कार्मिक भी सिंचाई विभाग में आ जाएंगे। जो उनका पैतृक विभाग है।
बांध या तालाब का नाम, गांव, ग्राम पंचायत व पंचायत समिति का नाम, तहसील व जिले का नाम हस्तांतरण प्रमाण पत्र में लिखा है। इसके साथ ही अक्षांश व देशांतर, सिंचित क्षेत्र, भराव क्षमता, मुख्य नहर की लंबाई, मिट्टी के पाल की स्थिति, डूब क्षेत्र में सिल्ट भराव की स्थिति, स्पिलवे, स्लयूजकी स्थिति व नहरी तंत्र के हालात अंकित कर प्रमाण पत्र देना होगा। दस साल की जल आवक भी बतानी होगी।
पंचायतीराज संस्थाओं के बांधों का सिंचाई विभाग के एक्सईएन व पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों की ओर से भौतिक सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद उसी हालात में बांध हस्तांतरित होंगे। यह कार्य 15 मई तक किया जाना प्रस्तावित है, जिससे मानसून आने से पहले बांधों व तालाबों का रखरखाव किया जा सके। संकट यह है कि मानसून आने में समय कम रह जाएगा। ऐसे में रखरखाव मुश्किल से होगा।
सरकार से पंचायतीराज संस्थाओं के बांध हस्तारण के आदेश हो गए हैं। उसके लिए विभाग की ओर से तैयारी की जा रही है।
रामनारायण चौधरी, अधीक्षण अभियंता, सिंचाई विभाग, पाली
Published on:
03 May 2025 07:02 pm
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