
खेतों में अमरबेल का साया, चट कर रही मेहंदी की फसल
पाली। विश्व में ख्याति प्राप्त कर चुकी सोजत की मेहन्दी की फसल पर इन दिनों संकट के बादल मंडरा रहे हैं। फसल में इन दिनों अमरबेल नाम का परजीवी रोग लग गया है। यह रोग मेहन्दी की फसल को चट कर रहा है।
इससे खेल-खलिहानों में लहलहा रही मेहन्दी की फसल तेजी के साथ सूख रही है। परजीवी रोग का उद्यान विभाग के अधिकारियों के पास भी स्थायी इलाज नहीं है। परजीवी रोक को शुरुआती दौर में समाप्त करना संभव नहीं है। किसानों के लिए अमरबेल गले की फांस बन चुकी है।
कृषि विभाग : स्थायी इलाज नहीं
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अमरबेल परजीवी रोग का स्थाई इलाज नहीं है। परजीवी रोग फैलने पर किसानों को दो साल के लिए उस खेत में खेती ही बंद कर देनी चाहिए। लेकिन मेहन्दी फसल ऐसी है कि यह बंद नहीं होती है। इसको जड़ों से खोद कर बाहर निकालना पड़ता है। यह किसानों के लिए भारी घाटा का सौदा साबित होगा। हालांकि, अधिकारियों के मुताबिक अमरबेल परजीवी रोग के लिए किसाना को गलाईफोसेट 41 प्रतिशत एस.एल. एक लीटर में 10 मिलीलीटर डाल कर मेहन्दी की फसल में छिडक़ाव करना चाहिए। किसानों को 15-15 दिनों के अंतराल से दो बार छिडक़ाव करना चाहिए।
39 हजार 800 हैक्टयर भूमि में है मेहन्दी
उद्यान विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सोजतसिटी, मारवाड़ जंक्शन, रायपुर व जैतारण क्षेत्र में करीब 39 हजार 800 हैक्टेयर भूमि में मेहन्दी की फसल है। करीब 20 हजार किसान मेहन्दी की फसल की खेती करते है। यहां की मेहन्दी विश्व में ख्याति प्राप्त है। देश ही नहीं विदेशों में भी यहां से मेहन्दी जाती है। लेकिन, इतना कुछ होने के बावजूद भी उद्यानिकी विभाग के अधिकारी बेखबर है। उनके खेतों में नहीं पहुंचने से किसानों की समस्या ज्यादा बढ़ गई है।
अधिकारियों को मौके पर भेजता हूं
मेहन्दी में अमरबेल नाम का परजीवी रोग फैलने की जानकारी मिली है। अधिकारियों को मौके पर भेज कर किसानों को इसके बचाव के उपाय बताएंगे। परजीवी रोग का स्थाई इलाज नहीं है। जिस खेत में यह रोग फैला है, उस खेत में किसान को दो साल के लिए खेती बंद कर देनी चाहिए। तभी वह परजीवी रोग मरता है। -रामाअवतार, सहायक निदेशक, उद्यान विभाग पाली
Updated on:
18 Aug 2018 11:35 am
Published on:
18 Aug 2018 10:40 am
बड़ी खबरें
View Allपाली
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
