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जूनाखेड़ा की जमीन पर फिर खोजेंगे सभ्यता के अवशेष, खुदाई कार्य शुरू

- प्राचीन सभ्यता की जानकारी होगी प्राप्त- पुरातत्व विभाग ने काम किया शुरू

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पाली

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Suresh Hemnani

Feb 10, 2021

जूनाखेड़ा की जमीन पर फिर खोजेंगे सभ्यता के अवशेष, खुदाई कार्य शुरू

जूनाखेड़ा की जमीन पर फिर खोजेंगे सभ्यता के अवशेष, खुदाई कार्य शुरू

पाली/नाडोल। जिले के नाड़ोल कस्बे के ऐतिहासिक जूना खेड़ा [ Juna Kheda ] की धरा पर फिर से पुरातत्व विभाग की खोज शुरू हो गई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग [ Archaeological Survey of India Department ] से हरी झंडी मिलने के बाद पुरातत्व विभाग के उत्खनन अधिकारियों की टीम ने नाडोल स्थित जूना खेड़ा मे उत्खनन कार्य शुरू कर दिया है।

भारमल नदी के किनारे स्थित जूना खेड़ा के पुरातत्व संग्रहालय विभाग [ Archaeological Museum Department ] द्वारा पिछले कई वर्षों से लगातार खुदाई की जा रही है। यहां पर पुराविदो को अन्वेषण एवं उत्खनन में एक भरीपूरी सभ्यता के कई साक्ष्य मिले हैं। खुदाई के मिले अवशेषों के बाद उत्खनन अधिकारी भी दावा कर रहे है कि जूना खेड़ा नाडोल पंद्रह सौ वर्ष पहले से बसा हुआ था। इसको लेकर पुराविदों द्वारा लगातार अवशेषों पर अध्ययन किया जा रहा है। पुराविदों द्वारा जूना खेड़ा की खुदाई के दौरान 7 से 8 फीट लंबे नर कंकाल, मिट्टी से बने बर्तन, 8 फीट लंबी महिषासुरमर्दिनि की मूर्ति, शिलालेख, ईटों से बने पक्के फ र्श, यज्ञ वेदी, अष्टधातु की मूर्तियां आदि मिली हैं। जो आज भी पाली के बांगड़ म्यूजियम की शोभा बढ़ा रही हैं।

शोधकर्ताओं व इतिहासकारों का सहयोग
जूनाखेड़ा नाडोल की खुदाई के लिए उत्खनन अधिकारियों ने इतिहासकारों और शोधकर्ताओं का सहयोग लेकर खुदाई की रिपोर्ट तैयार कर सर्वेक्षण विभाग दिल्ली को भेजी थी। जिसके फ लस्वरूप जूना खेड़ा की खुदाई के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग दिल्ली ने वित्तीय स्वीकृति जारी कर जूना खेड़ा की उत्खनन कार्य के आदेश जारी कर दिए हैं।

अभी दफन हैं कई राज
जूना खेड़ा का उत्खनन नहीं होने से इसके टीलों में कई राज दफ न हैं। जूना खेड़ा कब स्थापित हुआ, इसकी ध्वंस का कारण, नगरी का वैभव कब चरम पर था, कब इसने अपना वैभव खोया, इसमें किस शैली के मंदिर थे आदि ऐसे कई सवाल अब भी अनसुलझे हैं। जिस पर शोध होना बाकी है।

इनका कहना हैं...
प्राचीन नाडोल जूना खेड़ा की खुदाई को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग दिल्ली ने वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी है। हमारे पांच सदस्यों की टीम ने जूना खेड़ा पहुंचकर कार्य प्रारंभ कर दिया है। जो लगभग मार्च के अंतिम सप्ताह तक चलेगा। -डॉ. विनीत गोधल, खोज व उत्खनन अधिकारी, पुरातत्व संग्रहालय विभाग, जयपुर