
प्रसूता के ‘दर्द’ पर लगाया मरहम, पहुंचे कर्मवीर
पाली। लॉकडाउन [ Lockdown ] लगने के बाद से टैगोर नगर में एक चद्दर डालकर रह रहे 125 मदारी परिवार [ Madari family ] के लोगों तक सहायता पहुंची। इस डेरे में एक प्रसूता खुले आसमान तले तपती धरती पर रह रही थी। उसका दर्द पाली की एक कर्मवीर [ Corona karmaveer ] सुमन शर्मा ने समझा और सहायता के लिए पहुंच गई।
इस पर उसका पता लगा कि डेरी में दो महिलाओं ने कुछ दिन पहले ही बच्चे को जन्म दिया है। इस पर वे उनको सहायता का आश्वासन देकर लौटी। उनको बोली अभी तो मैं सामान साथ नहीं ला सकी, लेकिन एक-दो दिन में फिर आती हूं।
टैगोर नगर में अनुभव स्मारक संस्थान के पीछे की तरफ डेरा डालकर बैठे 1000 से अधिक मदारी जाती के लोग भूखे सोने को मजबूर है। तपती धरती व आग उगती सूर्य की तपिश के बीच वे लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे है। इसे लेकर राजस्थान पत्रिका ने 15 मई के अंक में समाचार प्रकाशित कर दर्द को उजागर किया। इस पर पाली की रहने वाली सुमन शर्मा डेरे पर पहुंची और प्रसूता को दो किलो घी के साथ राशन सामग्री उपलब्ध कराई।
बड़ी संख्या में शामिल है बच्चे
यहां रहने वाले 125 परिवारों में बड़ी संख्या में बच्चे है। जिनको खिलाने के लिए इन परिवार के लोगों के पास कुछ भी नहीं है। इनकी सहायता के लिए भी अब तक कोई नहीं पहुंचा है। मदारी जाती के ये लोग मूल रूप से जवाली गांव के रहने वाले हैं और करतब दिखाकर गुजारा करते हैं।
Updated on:
16 May 2020 12:31 pm
Published on:
16 May 2020 12:24 pm
बड़ी खबरें
View Allपाली
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
