
Medicine and Health: प्रदेश में चिकित्सकों के बीच रखा जा रहा भेदभाव
राज्य सरकार की ओर से आयुर्वेद चिकित्सकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। एलोपैथी में चिकित्सकों के सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष है, जबकि आयुर्वेद चिकित्सकों को 60 वर्ष की आयु में ही सेवानिवृत्त किया जा रहा है। जबकि अगस्त 2023 में हाइकोर्ट आयुर्वेद चिकित्साधिकारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष करने के निर्देश दे चुका है। इसके बाद सरकार के सुप्रीम कोर्ट में जाने पर वहां अपील भी खारिज कर हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। इसके बावजूद आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु में बदलाव नहीं किया है। जबकि प्रदेश में आयुर्वेद चिकित्सकों के 918 पद रिक्त है। यदि सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाते है तो वर्ष 2024-25 में अधिक चिकित्सक सेवानिवृत्त नहीं होंगे और पद भी रिक्त नहीं होंगे। लोगों को उपचार बेहतर मिल सकेगा।
एलोपैथी व आयुर्वेद में कारण समान
सरकार की ओर से एलोपैथी में चिकित्सकों के पद रिक्त होने का कारण बताकर सेवानिवृत्ति की आयु को बढ़ाया था। यही कारण आयुर्वेद में है। इसके बावजूद उनकी आयु को नहीं बढ़ाया जा रहा। वर्ष 2024 व 2025 में कई चिकित्सक सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इससे पद रिक्त होंगे। यदि सरकार चिकित्सकों की आयु बढ़ाती है तो उसे लाभ है। चिकित्सकों को अभी सेवानिवृत्ति के परिलाभ नहीं देने होंगे। उसके ब्याज में ही चिकित्सकों का वेतन तक निकल जाएगा।
डॉ. पीयूष जोशी, प्रदेश महासचिव, राजस्थान आयुर्वेद चिकित्साधिकारी संघ
इन्होंने कहा
केन्द्र सरकार आयुष चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में राज्य सरकार को चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु को बढ़ाना चाहिए। इससे सरकार के साथ मरीजों को लाभ मिलेगा।
डॉ. जितेन्द्र कोठारी, सभापति, राजस्थान आयुर्वेद चिकित्साधिकारी संघ
यह है पदों की िस्थति
पद-कार्यरत-रिक्त
पीएमओ-118-00-118
एसएमओ प्रथम-458-298-280
एसएमओ द्वितीय-1450-989-511
मेडिकल ऑफिसर के 2650 पद है। मेडिकल ऑफिसर के 9 पद रिक्त है।
Published on:
25 Feb 2024 01:00 pm
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