
कांग्रेस विधायक भीमराज भाटी
-राजेन्द्रसिंह देणोक
हारा वही जो लड़ा नहीं...प्रतियोगी परीक्षाओं में संघर्ष, जिद और जुनून से सफलता हासिल करने की कहानियां अक्सर सामने आती है, लेकिन लगातार हारने के बावजूद चुनावी मैदान में मजबूती से डटे रहने के उदाहरण कम ही मिलते हैं। छह चुनाव लगातार हारना और हर चुनाव में दूसरे नंबर पर रहने का संभवतया पहला और अनोखा उदाहरण है पाली के कांग्रेस नेता भीमराज भाटी। जुझारू भाटी हार से कभी निराश नहीं हुए। हर चुनाव में दमखम से उतरे। सातवें चुनाव में बाजी अपने नाम कर ली। वे दूसरी बार विधानसभा में पाली का प्रतिनिधित्व करेंगे।
नौ चुनाव लड़े, जमानत नहीं गंवाई
भाटी के नाम एक और रिकॉर्ड है। उन्होंने पहला चुनाव 1980 में लड़ा था। वे दूसरे नंबर पर रहे। 1990 से लेकर 2023 तक नौ चुनाव लड़े। कभी कांग्रेस से तो कभी निर्दलीय। 2002 में बाली विधानसभा के उपचुनाव में भी भाग्य आजमाया था। लेकिन जीते 1993 में ही। इसके बाद लगातार छह चुनाव हारे, लेकिन जमानत कभी नहीं गंवाई। हर बार कड़ा मुकाबला किया।
चुनाव जीत कर चौंकाया
भाटी ने भाजपा के गढ़ में सेंध मारी है। उन्होंने पांच बार के विधायक ज्ञानचंद पारख को हराया। पारख और भाटी के बीच 1998 से दांव-पेच चल रहा था। हर बार पारख भारी पड़े। इस बार भाटी ने पारख को हराकर चौंका दिया। 76 साल के भाटी मैकेनिकल इंजीनियर है।
कब-कब लड़ा चुनाव
वर्ष- मत मिले, हार का अंतर
2018- 56094, 19386
2013- 65842, 13673
2008- 41996, 7690
2003- 56389, 6435
2002- 30686, 16836 (उपचुनाव)
1998- 38160, 3522
1993- 46032, 12236 (जीते)
1990- 40027, 5528
Updated on:
07 Dec 2023 11:15 am
Published on:
07 Dec 2023 11:11 am
बड़ी खबरें
View Allपाली
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
