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NGT:कपड़ा उद्योग को बड़ा झटका, प्रदूषण फैलाने के लिए पाली के सीइटीपी पर फिर 10 करोड़ की पैनल्टी

प्रमुख शासन सचिव उद्योग तथा प्रदूषण नियंत्रण मंडल चेयरमैन को लगाई फटकार

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NGT:कपड़ा उद्योग को बड़ा झटका, प्रदूषण फैलाने के लिए पाली के सीइटीपी पर फिर 10 करोड़ की पैनल्टी

NGT:कपड़ा उद्योग को बड़ा झटका, प्रदूषण फैलाने के लिए पाली के सीइटीपी पर फिर 10 करोड़ की पैनल्टी

पाली. राष्ट्रीय हरित अधीकरण (NGT) ने पाली में pollution के हालात में सुधार नहीं होने को गंभीरता से लिया है। बुधवार को किसान संघर्ष समिति की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सख्त निर्देश दिए। पर्यावरण को क्षति पहुंचाने के आरोप में सीइटीपी (कॉमन इफ्लुऐंट ट्रीटमेंट प्लांट) पर दस करोड़ रुपए की पैनल्टी लगाई है। साथ ही कोर्ट कमिश्नर द्वारा सीइटीपी प्लांटों में बताई गई खामियों के सुधार के लिए 30 जनवरी तक 50 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी के साथ कार्ययोजना पेश करने के भी निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने प्रमुख शासन सचिव, उद्योग तथा प्रदूषण

नियंत्रण मंडल के चेयरमैन को भी हालात के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए तल्ख टिप्पणियां की।
न्यायाधीश राघवेन्द्रसिंह राठौड़ व सत्यवानसिंह जाबरीयाल ने सुनवाई करते हुए सर्वप्रथम प्रमुख शासन सचिव, उद्योग सुबोध अग्रवाल से कोर्ट कमिश्नर रिपोर्ट और अन्य बिंदुओं पर चर्चा की। तत्पश्चात प्रदूषण नियंत्रण मंडल के चेयरमैन पवन गोयल से भी मंडल की गतिविधियों को लेकर सवाल-जवाब किए। सुनवाई के दौरान जिला कलक्टर दिनेशचंद जैन, पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा, वरिष्ठ पर्यावरण अभियंता अमित शर्मा, किसान संघर्ष समिति के महावीरसिंह सुकरलाई, पुखराज पटेल, नाथूदान, वागाराम विश्नोई, लक्ष्मण पटेल तथ सीइटीपी के सचिव अरुण जैन और उद्यमी सूर्यप्रकाश चौपड़ा मौजूद रहे।

उद्योग प्रदूषण न फैलाए ये आपकी जिम्मेदारी
एनजीटी कोर्ट ने सुनवाई करते हुए प्रमुख शासन सचिव प्रबोध अग्रवाल से कहा कि उद्योग प्रदूषण नहीं फैलाए, ये उद्योग विभाग की जिम्मेदारी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि पाली, बालोतरा और जोधपुर में उद्योगों के कारण पर्यावरण की हालत खराब है। कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट को इंगित करते हुए कहा कि पाली में किसी तरह का सुधार नहीं हुआ है। सभी प्लांट मापदंडों के विपरीत संचालित हो रहे हैं। आप ऑफिस में बैठकर निर्णय ले रहे हैं, जबकि आपको फील्ड में नियमित जाना चाहिए। अब आगे की सम्पूर्ण जिम्मेदारी आपकी है तथा 31 जनवरी तक कार्ययोजना प्रस्तुत करें कि कैसे हालात काबू में आएंगे और क्या सुधार किया जाएगा।

कभी पाली गए हैं आप?
कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण मंडल के चेयरमैन पवन गोयल से तल्ख टिप्पणी करते हुए पूछा कि आप हालात देखने कभी पाली गए हैं? आपको खुद फील्ड में जाकर स्थिति देखनी चाहिए। उद्योगों में सुधार के लिए क्या कदम उठाए और दोषी इकाइयों पर क्या कार्रवाई की। यदि पर्यावरणीय नियमों की कड़ाई से पालना कराई जाती तो ऐसी नौबत नहीं आती।