
Textile industry : पाली में सीइटीपी का एेतिहासिक कदम, प्लांट छह में जेडएलडी लगाने का जारी आदेश
पाली। CETP issued order to install ZLD in plant six in Pali : विपरीत परिस्थितियों से गुजर रहे कपड़ा उद्योग [ textile industry ] के लिए सालों बाद राहत की बड़ी खबर आई है। सीइटीपी ने कपड़ा नगरी की वर्षों पुरानी मुराद पूरी करने के लिए प्लांट संख्या छह को जेडएलडी (जीरो लिक्विड डिस्चार्ज) [ Zero liquid discharge ] में क्रमोन्नत करने का आदेश जारी कर दिया है। पानी को ट्रीट करने वाली दुनिया की शीर्ष कंपनियों में शुमार सूरत की सौराष्ट्र एनवायरो प्रोजेक्ट [ Saurashtra Enviro Project ] को लेटर ऑफ कंटेंट जारी किया है। कंपनी की तरफ से अगले एक पखवाड़े में अमानत राशि समेत अन्य दस्तावेज जमा कराने के बाद कार्य आदेश जारी किया जाएगा। अगले दस साल तक प्लांट के निर्माण और रखरखाव के लिए 673.67 करोड़ रुपए दर निर्धारित की गई है।
सीइटीपी अध्यक्ष अनिल गुलेच्छा, सचिव अरुण जैन, कोषाध्यक्ष सुरेश गुप्ता व उपाध्यक्ष अमरचंद समदडि़या ने सौराष्ट्र एनवायरो प्रोजेक्ट के प्रतिनिधि पुष्पक शाह को लेटर ऑफ कंटेंट जारी करते हुए अतिशीघ्र कार्य प्रारंभ करने को कहा है। कपंनी प्रतिनिधि शाह ने दस्तावेज संबंधी प्रक्रिया पूरी कर शीघ्र कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया। प्लांट निर्माण में 99.99 तथा प्लांट संचालन एवं रखरखाव के लिए 573.68 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। सौराष्ट्र कंपनी को अब दस करोड़ रुपए की अमानत राशि जमा करानी होगी। इसके पश्चात कंपनी से अनुबंध होगा। अनुबंध के बाद कार्यादेश जारी किया जाएगा।
जर्मन तकनीक की मशीनें होंगी संचालित
प्लांट छह को अपग्रेड करने के लिए जर्मन तकनीक की अत्याधुनिक मशीनें लगाई जाएगी। रंगीन पानी बायोलॉजिकल ट्रीट करने के बाद आरओ और एमई किया जाएगा। इसमें डिस्चार्ज का अधिकतम रीयूज होगा। इससे पानी की आपूर्ति को लेकर भी समस्या नहीं रहेगी। प्लांटों के संचालन में भी अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
कपड़ा उद्योग को मिलेगा जीवनदान
सीइटीपी प्लांट को जेडएलडी में क्रमोन्नत करने की मांग लम्बे समय से की जा रही थी। केन्द्र की आइपीडीएस योजना में सौ करोड़ रुपए स्वीकृत होने के बाद सीइटीपी प्रबंधन ने तेजी से प्लांट अपग्रेड की प्रक्रिया को चरणबद्ध शुरू किया। कंपनी से करार होने के बाद प्लांट के अपग्रेडेशन का काम जल्द शुरू होने की पूरी उम्मीद है। प्लांटों के अपग्रेड होने से कपड़ा उद्योग को जीवनदान मिलेगा। प्रदूषण की समस्या के कारण पिछले कई सालों से कपड़ा उद्योग निराशा में डूबा हुआ था। कपड़ा इकाइयों को मजबूरन रोटेशन प्रणाली पर चलाया जा रहा है। इस कारण कपड़े का उत्पादन भी आधा हो गया।
जल्द कार्य प्रारंभ होने की उम्मीद
सीइटीपी प्लांट अपग्रेड होने की लम्बे समय से प्रतीक्षा थी। अब कदम आगे बढ़े हैं। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही कार्य प्रारंभ हो जाएगा। कंपनी को लेटर ऑफ कटेंट जारी किया है। अमानत राशि जमा होने के बाद अनुबंध किया जाएगा। -अनिल गुलेच्छा, अध्यक्ष,सीइटीपी
एेतिहासिक कदम
कपड़ा उद्योग के लिए यह एेतिहासिक कदम है। जल्द ही कार्यप्रारंभ होने की उम्मीद है। कपड़ा उद्योग के लिए यह प्रयास सुकून भरा साबित होगा। -अरुण जैन, सचिव, सीइटीपी
Updated on:
31 Jan 2020 03:32 pm
Published on:
31 Jan 2020 03:29 pm
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