
पाली जिले के रानी में वेस्ट टू बेस्ट के तहत लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन करते विधायक खुशवीरसिंह जोजावर।
पाली। सरकारी स्कूलों में अध्ययन का स्तर सुधारने, स्वच्छता को बढ़ावा देने और विद्यार्थियों को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से नवाचार किया गया, जो प्रदेश के स्कूलों के लिए नजीर है। इस नवाचार को प्रदेश में लागू करने पर पाली के स्कूलों की तरह प्रदेश के सरकारी विद्यालयों की दशा के साथ नामांकन भी बढ़ सकता है। इस नवाचार में राजस्थान पत्रिका की ओर से चलाए गए चरण पादुका अभियान को भी शामिल किया गया है। इसके तहत अब तक जिले में 10 हजार से अधिक चरण पादुकाओं का वितरण किया जा चुका है। स्वच्छ विद्यालय, स्वस्थ विद्यालय नवाचार जिला कलक्टर नमित मेहता की ओर से 16 जुलाई से शुरू किया गया था।
नवाचार में ये गतिविधियां शामिल
चरण पादुका : राजस्थान पत्रिका के अभियान से प्रेरित होकर इसे नवाचार स्वच्छ विद्यालय, स्वस्थ विद्यालय में शामिल किया गया। समाजसेवी संस्थाओं व भामाशाहों के सहयोग से पूरे जिले में चरण पादुकाओं के साथ मौजों का वितरण किया जा रहा है।
वाटर ब्रेक (जल सुधा) : कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों के लिए दो कालांश के बाद दो मिनट का वाटर ब्रेक रखकर पीने के पानी की आदत विकसित की जा रही है। इसके तहत भामाशाहों व जनसहयोग से अभी तक 40 हजार वाटर बोतल का वितरण किया गया है।
विद्यालयों में पौधरोपण : इसमें पाली ने प्रदेश में पहली बार 56 हजार 626 पौधे लगाकर प्रथम स्थान प्राप्त किया गया। पौधे विद्यार्थियों के नाम से लगाए गए। इससे उनमें पौधों की सार-संभाल की भावना विकसित हुई। विद्यार्थी रोजाना इन पौधों की देखभाल करते हैं
सुमन: एसयूएमएएन अंग्रेजी शब्द के एस यानि सीधा, यू उल्टा, एम मुट्ठी, ए उंगली, एन नाखुन साफ करना सिखाया गया। इसमें के अक्षर जोड़कर कलाई साफ करना भी बताया गया।
वेस्ट टू बेस्ट: अनुपयोगी सामग्री से नए व आकर्षक उत्पाद बनाना। दिवाली अवकाश में प्लास्टिक वेस्ट से विद्यार्थियों ने कई तरह की नई चीजे बनाई। इसके अलावा अन्य वेस्ट सामग्री से भी मॉडल तैयार किए, जिनका प्रदर्शन स्कूलों में किया जा रहा है।
जलस्रोतों की सफाई : स्कूलों में साफ पानी की व्यवस्था के लिए पेयजल आपूर्ति के स्रोतों यथा टांका, टंकी, मटकी आदि की सफाई कर उन पर तिथि का अंकन किया गया। इससे अब तिथि के अनुसार नियमित अंतराल पर सफाई की जाती है। सफाई जिला प्रशासन व छात्रों की ओर से की जाती है।
बाला: बाला गतिविधियों के तहत स्कूलों में हवाई जहाज का आकार आदि सहित शिक्षण सामग्री को आकर्षित करने योग्य व सौन्दर्य प्रदान किया गया। इस गतिविधि के तहत जिले के 52 स्कूलों को मॉडल के रूप में विकसित किया गया है।
हिमोग्लोबिन जांच : इसमें जिले के 1 लाख 61 हजार 241 विद्यार्थियों की जांच की गई। इनमें से 58 हजार 46 विद्यार्थियों को फोलिक एसिड गोली नियमित देकर मॉनिटरिंग की जा रही है। मेडिकल टीम ने 31 हजार 140 विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। 43 गंभीर बीमारी से ग्रसित विद्यार्थियों को रैफर किया गया।
नेत्र जांच: स्कूलों में विद्यार्थियों के नेत्रों की जांच की रही है। जिन विद्यार्थियों के नेत्र कमजोर है। उनको चश्मे दिए जा रहे है। रोहट में 338, रानी में 300 व देसूरी में 245 चश्मों का वितरण किया जा चुका है।
हेल्थ कॉर्नर: विद्यार्थियों के लिए हेल्थ कॉर्नर की स्थापना की गई है। इसमें विद्यार्थियों की आयु के अनुसार वजन, नेत्र परीक्षण, पौष्टिक आहार की जानकारी समय-समय पर दी जाती है। हेल्थ कॉर्नर में वजन मशीन, स्टेडियो मीटर, प्राथमिक उपचार बॉक्स, थर्मामीटर, सेनेटाइजर व मास्क आदि की व्यवस्था है।
मिस्टर व मिस क्लीन: स्वास्थ्य के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए स्कूलों में मिस्टर व मिस क्लीन का चयन कर उनको बैच लगाकर सम्मानित किया जाता है।
एसवीएसवी एप: अभियान के तहत होने वाली गतिविधियों की प्रविष्ठियों के लिए एसवीएसवी एप बनाया गया है। जिससे गतिविधियों का जिला स्तर पर अवलोकन किया जाता है।
Published on:
13 Nov 2022 04:18 pm
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