
अब तीसरी लहर का खतरा, बच्चों की सुरक्षा के सिर्फ दावे, तैयारी पूरी नहीं
पाली। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच बड़ी बात यह सामने आ रही है कि इसमें बच्चे भी संक्रमित हो सकते हैं। इस लहर को रोकने के लिए अभी से प्रयास जरूर शुरू किए गए है, लेकिन जिले में इससे निपटने के लिए संसाधनों के साथ चिकित्सकों का भी अभाव है।
जिले में सिर्फ बांगड़ मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय व सोजत का उप जिला चिकित्सालय ही ऐसा है, जहां पर तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने पर एसएनसीयू वार्ड में उनका उपचार किया जा सकता है। नियो नेटल आइसीयू तो बांगड़ मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में भी अभी बनना है।
पाली में 12 व सोजत में 10 बेड
पाली व सोजत के चिकित्सालयों में एसएनसीयू वार्ड है। पाली के बांगड़ मेडिकल चिकित्सालय में 12 बेड का एसएनसीयू वार्ड है। जबकि सोजत में दस बेड का। इसके अलावा अन्य जगहों पर एनबीएसयू वार्ड ही है। सुमेरपुर के एनबीएसयू वार्ड में 6, सादड़ी में 5, बाली में 2, जैतारण में 2 बेड है। रोहट में भी यह सुविधा पूर्ण नहीं है।
चिकित्सक का अभाव, नहीं कर सकते उपयोग
सुमेरपुर में एनबीएसयू के बेड जरूरह है, लेकिन चिकित्सक नहीं है। ऐसे में उनका उपयोग नहीं हो रहा है। जिले में बच्चों के चिकित्सक पाली के अलावा सोजत में दो तथा बाली, सादड़ी, रानी, जैतारण में एक-एक चिकित्सक ही कार्यरत है। ऐसे में तीसरी लहर आने पर संसाधनों के अलावा चिकित्सकों की कमी भारी पड़ सकती है।
पाली में सामान्य दिनों में भी नही बेड
पाली में प्रसव के बाद बच्चों को एसएनसीयू वार्ड में एक बार ले जाया जाता है। वहां पर कमजोर व अन्य बीमारी से ग्रसित बच्चों को भी रखा जाता है। अभी स्थिति यह है कि इस वार्ड के सभी बारह बेड भरे हुए है। कई बार तो सामान्य दिनों में भी इन बेडों पर दो-दो बच्चों को सुलाना पड़ता है।
Published on:
18 May 2021 08:33 am
बड़ी खबरें
View Allपाली
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
