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लेटलतीफी से कोरोना जांच लैब फैला रही संक्रमण!

-जांच रिपोर्ट आने में लग जाते हैं सात से आठ दिन-कोरोना संदिग्ध मरीजों के साथ ही रहते हैं कोरोना पॉजिटिव

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पाली

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Suresh Hemnani

Sep 26, 2020

लेटलतीफी से कोरोना जांच लैब फैला रही संक्रमण!

लेटलतीफी से कोरोना जांच लैब फैला रही संक्रमण!

पाली। कोविड जांच को लेकर ये महज दो उदाहरण है। हकीकत यह है कि पाली के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बनी कोविड जांच लैब से रिपोर्ट समय पर नहीं मिल रही है। जो रिपोर्ट मिल रही है, उनमें से कई रिपोर्ट पर मरीज व उनके परिजन भरोसा तक नहीं कर रहे है। इसका कारण यह है कि कई ऐसे लोग है जिनमें खांसी, जुकाम या बुखार जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं। उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई रही है। जबकि जिनमें कोई लक्षण नहीं है। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है।

मैसेज तक नहीं आ रहा
कोविड की भयावहता के बावजूद चिकित्सा विभाग लापरवाही बरत रहा है। कोविड सैम्पल देने के बाद आआरएफ आइडी का एक मैसेज आता है। जो कई लोगों के पास नहीं आ रहा है। इसके बाद जांच रिपोर्ट नहीं आने का तकाजा करने पर चिकित्साकार्मिक आइडी का कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं। रिपोर्ट मिलती ही नहीं है। व्यक्ति के नाम की आउटडोर में बनाई पर्ची से रिपोर्ट के बारे में पता तक नहीं चलता है।

जोधपुर भेजे 2 हजार सैम्पल
पाली में कोविड जांच के लिए किट नहीं मिलने वे सैम्पल की संख्या करीब तीन हजार से ऊपर पहुंचने के कारण 2 हजार सैम्पल जांच के लिए जोधपुर भेजे गए है। वहां से भी अभी तक 800 सैम्पल की रिपोर्ट ही आ सकी है। ऐसे में 1200 लोगों की सैम्पल रिपोर्ट आना शेष है।

जांच के किट नहीं मिले
कोविड जांच के लिए किट खत्म हो गए थे। वे अभी तक नहीं मिले है। अभी सौ सैम्पल में से करीब 60 पॉजिटिव आ रहे है। ऐसे में 60 बार सैम्पल की जांच करनी पड़ती है। जिसमें समय अधिक लगता है। इसके अलावा भी कुछ समस्याओं के कारण रिपोर्ट में देरी हो रही है।

केस एक
रानी क्षेत्र के रहने वाले पाबूजी के परिवार से तीन जने कोरोना संक्रमित हुए। इस पर उनको पाली के बांगड़ चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। इनके परिवार के दो जनों की कोरोना रिपोर्ट सात दिन बाद आई वह भी पॉजिटिव। इस बीच उनके परिवार के कई सदस्यों के साथ अस्पताल के कार्मिक भी आए। जब सात दिन बाद इनका रिपीट जांच की गई तो जांच नेगेटिव आई।

केस दो
पाली के रहने वाले राजू नाम के व्यक्ति ने कोविड आउटडोर में जाकर सैम्पल दिया। सैम्पल देने के चार दिन बाद भी रिपोर्ट नहीं आई। इस पर उसे दूसरी बार सैम्पल देना पड़ा। इस बीच उसे बांगड़ चिकित्सालय के संदिग्ध कोरोना वार्ड में रखा गया। जहां पहले से संदिग्ध भर्ती थे और उनकी रिपोर्ट बाद में पॉजिटिव आई। ऐसा ही रायपुर क्षेत्र के रहने वाले लोगों के साथ भी हुआ।