
खरीफ पर टिड्डी का संकट, किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें
पाली। मारवाड़-गोडवाड़ [ Marwar-Godwad ] में किसानों ने खेतों में खरीफ की फसल की बुवाई [ Kharif sowing ] शुरू कर दी है, लेकिन टिड्डी दल ने उनके माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। पश्चिमी राजस्थान में टिड्डी दल के प्रकोप [ Tiddi Dal outbreak ] के कारण खरीफ पर संकट छाया हुआ है। किसानों ने करीब पचास हजार हैक्टेयर में तो बुवाई कर दी है। वहीं आसमान में टिड्डी को देखकर वे घबरा जाते हैं। इधर, प्रशासन व कृषि विभाग [ Agriculture Department ] के पास कोई उपाय टिड्डी से निपटने से लिए नहीं है, ऐसे में किसानों की मुश्किलें बढ़ती [ Troubles of farmers increased ] दिख रही है। समय पर टिड्डी को नहीं रोका तो बुवाई से उपजने वाली पौध को नुकसान पहुंच सकता है।
सभी पड़ोसी जिलों में टिड्डी का पड़ाव
पाली जिले के पड़ोसी जिले बाड़मेर, नागौर, अजमेर में इन दिनों टिड्डी का पड़ाव है। पाली के जैतारण, रोहट में टिड्डी समय समय पर सताती है। वर्तमान में पाली में खरीफ की बुवाई शुरू हो चुकी है। किसानों ने ग्वार, तिल, मूंग, ज्वार, बाजरा की बुवाई शुरू कर दी। कुछ दिनों में इनके पौध निकलने वाले हैं, ऐसे में टिड्डी किसानों को भारी नुकसान पहुंचा सकती है।
किसानों ने बर्तन बजाकर उड़ाए टिड्डी दल
यह तय है कि खरीफ की बुवाई के बाद भी टिड्डी इस बार किसानों को सताएगी। सभी जगह प्रशासन व कृषि विभाग का पहुंचना मुश्किल है। ऐसे में कृषि विभाग ने अपील की है कि किसान खुद ही अपने स्तर पर टिड्डी को उड़ाए।
काश्तकार सतर्क रहें
खरीफ की बुवाई शुरू हो चुकी है, टिड्डी का संकट तो रहेगा। किसान सतर्क रहें। विभाग कीटनाशक का स्प्रे कर इसे भगाने का काम करता है। - एसआर बेड़ा, उप निदेशक, कृषि विभाग, पाली।
Updated on:
02 Jul 2020 01:20 pm
Published on:
02 Jul 2020 01:18 pm
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