
मृत्यु भोज समाज पर कलंक, बंद करेंगे ऐसी कुप्रथाएं
पाली। मृत्यु भोज सरीखी कुप्रथा समाज पर कलंक है। इससे शोक में डूबे परिवारों पर अनावश्यक आर्थिक भार बढ़ता है, जो समाज को रूढिय़ों में जकड़ा रखता है। इस विष बैल रूपी कुप्रथा मृत्यु भोज को खत्म करने के लिए सरकार की ओर से सख्ती किए जाने के बाद विभिन्न समाज और सामाजिक संस्थाएं भी आगे आ रही हैं। ये सरकार के सामाजिक प्रथा मृत्यु भोज बंद करने के फैसले का स्वागत कर रहे हैं।
ज्ञापन सौंपा, किया संकल्प
इसी कड़ी में आर्यवीर दल व आर्य समाज ने ज्ञापन सौंपा और मृत्यु भोज प्रथा बंद करने का संकल्प भी किया। दोनों संस्थाओं से जुड़े पदाधिकारियों ने कहा कि आधुनिक युग में कुप्रथाओं को बंद करना चाहिए। इस मौके आर्य समाज के मंत्री विजयराज आर्य, शिवराम प्रजापत, घेवर चंद आर्य, गजेंद्र अरोड़ा, आर्य वीर दल के अध्यक्ष धनराज आर्य, उपाध्यक्ष शंकरलाल हंस, मंत्री हनुमान आर्य, प्रकाश चन्द्र पीड़वा, गणपतलाल भदौरिया, कोषाध्यक्ष.महेंद्र प्रजापत, जमना प्रसाद, पारस मेवाड़ा, योगेंद्र व राहुल तेजी आदि मौजूद थे।
मृत्यु भोज पर माली समाज ने लगाई पाबंदी
लुणावा। लक्ष्मीनारायण धाम बारवा की माली सामाज धर्मशाला में माली समाज के लोगों की बैठक हुई, जिसमें नई कार्यकारिणी का चुनाव करने के साथ ही नए संकल्प के रूप में मृत्युभोज को बंद करने का संकल्प किया गया। इस पर मौजूद समाजबंधुओं ने सहमति जताई।
बैठक में गत वर्ष के आय एवं व्यय का लेखाजोखा पेश किया गया। इसके साथ ही नई कार्यकारिणी का चुनाव किया गया। रूपाराम माली करनवा ने बताया कि जीवराज वक्ताराम गहलोत सेवाड़ी को सर्व सम्मति से अध्यक्ष चुना गया। इसके साथ ही कोषाध्यक्ष, सचिव आदि पदों पर निर्विरोध पदाधिकारी चुने गए। चुनाव के बाद माली समाज 25 गांव लक्ष्मीनारायण धाम के समस्त पंचों ने राज्य सरकार के मृत्यु भोज जैसी कुप्रथा पर लगाई गई पाबंदी का समर्थन करते हुए समाज में मृत्यु भोज नहीं करने का सर्व सम्मति से निर्णय लिया। इस मौके पर राजमल लुनावा, धन्नाराम बारवा, पुखराज सोलंकी सेवाड़ी, बाबूलाल फालना, मांगीलाल करनवा, मगराज बीजापुर, जसराज लाटाडा, हिम्मतराम लालराई सहित माली समाज के लोग उपस्थित थे।
Published on:
14 Jul 2020 12:05 pm
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