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टोल का खेल : यहां वसूली के अलग-अगल कायदे, नियमों के फेर में रोजाना कट रही जेब

- एनएचएआइ के नियमों को ही रखा ताक पर- पाली-जोधपुर राजमार्ग पर महज 23 किमी की दूरी पर दो टोल प्लाजा- ब्यावर-पिंडवाड़ा राजमार्ग पर टोल में है 60 किमी का है फासला

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पाली

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Suresh Hemnani

Apr 02, 2021

टोल का खेल : यहां वसूली के अलग-अगल कायदे, नियमों के फेर में रोजाना कट रही जेब

टोल का खेल : यहां वसूली के अलग-अगल कायदे, नियमों के फेर में रोजाना कट रही जेब

पाली/रोहट। पाली से जोधपुर और पिण्डवाड़ा से ब्यावर राजमार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधीन संचालित है। मजे की बात यह है कि दोनों ही राजमार्गों पर टोल वसूली के नियम अलग-अलग है। पाली-जोधपुर राजमार्ग पर 23 किलोमीटर की दूरी पर दो जगह टोल प्लाजा है, जबकि ब्यावर-पिण्डवाड़ा राजमार्ग पर एक-दूसरे टोल प्लाजा के बीच 60 किलोमीटर का दायरा है। मजे की बात यह है कि एनएचएआई के नियम यह है एक से दूसरे टोल प्लाजा के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी अनिवार्य है। जबकि पाली-जोधपुर मार्ग पर पहला टोल शहर से निकलते ही करीब सात किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि दूसरा रोहट से आगे निंबली गांव में। दोनों के बीच सिर्फ 23 किलोमीटर का फासला है।

...यहां 60 किलोमीटर की दूरी पर है प्रत्येक प्लाजा
ब्यावर-पाली-पिण्डवाड़ा राजमार्ग पर कुल चार टोल प्लाजा है। चारों के बीच 60-60 किलोमीटर की दूरी है। पाली से ब्यावर के बीच जाडन और रायपुर में टोल प्लाजा लगे हुए हैं। जबकि सुमेरपुर मार्ग पर बिरामी और उतमण (सिरोही) में टोल प्लाजा संचालित है। इसी तरह, पाली और उदयपुर मार्ग पर भी टोल वसूला जा रहा है। स्टेट हाइवे पर यहां पहला टोल प्लाजा हेमावास तथा दूसरा देसूरी में है। तीसरा प्लाजा राजसमंद जिले के चारभुजा कस्बे के निकट है। यानि तीनों प्लाजा के बीच की दूरी 60-60 किलोमीटर है।

सात साल से कट रही जेब
पाली-जोधपुर राजमार्ग पर करीब 7 साल पूर्व टोल वसूली शुरू हुई थी। दोनों ही प्लाजा पाली जिले में ही है। सालों से वाहन चालकों की जेब पर भार पड़ा हुआ है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में यहां से वाहन गुजरते हैं। हैरानी की बात यह है कि दोनों ही टोल के आसपास रहने वाले ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान ज्यादा उठाना पड़ रहा है।

जनता की जेब पर भार
पाली जोधपुर के बीच में दोनों टोल नाकों पर टोल वसूला जा रहा है। यह नियमानुसार गलत है। नियम 60 किलोमीटर के दायरे में टोल नाका स्थापित करने का है तो यहां नियमों की पालना क्यों नहीं हुई। इसकी भी जांच होनी चाहिए। यह आमजन के साथ बड़ी ठगी है। टोल वसूली के नाम पर आमजन को परेशान किया जा रहा है। -भरत पटेल, सरपंच, ग्राम पंचायत रोहट

स्थानीय ग्रामीणों को मिले छूट
नियमानुसार दोनों टोल प्लाजा गलत है। स्थानीय ग्रामीणों से भी वसूली की जा रही है। स्थानीय लोगों को टोल से छूट मिलनी चाहिए। जिला प्रशासन और राज्य सरकार को टोल के भार से आमजन को मुक्ति दिलानी चाहिए। अन्यथा मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा। -वीरमराम गुर्जर, अध्यक्ष व्यापार मंडल रोहट

यह निर्णय सडक़ परिवहन मंत्रालय का
नियम तो यह है कि एक टोल प्लाजा से दूसरे प्लाजा के बीच 60 किलोमीटर की दूरी होनी चाहिए, लेकिन अंतिम निर्णय सडक़ परिवहन मंत्रालय करता है। पाली-जोधपुर मार्ग पर दोनों प्लाजा के बीच दूरी कम होने पर भी दो प्लाजा लगाने का निर्णय तत्कालीन समय में मंत्रालय का ही है। -डीआर मेघवाल, चीफ