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आपदा-खुशी या धार्मिक कर्म, अपणायत बना लेती सभी को अपना

सेवा भाव : बाबा रामदेव की यात्रा में जातरूओं को ​खिलाया जा रहा खाना, की जा रही पैरों की मालिश

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आपदा-खुशी या धार्मिक कर्म, अपणायत बना लेती सभी को अपना

बाबा रामदेवरा के जातरूओं के पैरों की मालिश करते शहरवासी।

राजेन्द्रसिंह देणोक/राजीव दवे

पाली। आपदाकाल, खुशी का माहौल या धार्मिक कर्म कुछ भी हो पाली की अपणायत हर किसी को अपना कायल बना लेती है। चंद रोज पहले शहर में बाढ़ के हालात हुए तो सेवाभावी शहरवासियों ने जान जोखिम में डालकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दूध, भोजन व अन्य सहायता पहुंचाई। अभी बाबा रामदेव के जातरुओं की सेवा में तो पलक-पावड़े बिछा रखे हैं। जातरुओं को रोक-रोककर जिमाया जा रहा है। उनके पांवों की मालिश की जा रही है। परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों और उनके परिजन को हलवा, पुड़ी, पुलाव के साथ अन्य सामग्री परोसकर तृप्त करने को यहां के लोग आतुर रहते हैं। घर में जन्म दिन, विवाह की वर्षगांठ या अन्य खुशी का दिन हो तो जरूरतमंदों को राजशाही अंदाज में भोजन करवाकर उनका दिल जीत लेते हैं।

वनक्षेत्र में जाकर करवाते भोजन

पाली के कई लोग हर सप्ताह-दस दिन में वन क्षेत्रों में सेवा करने जाते हैं। वहां बंदरों के साथ वन्यजीवों को फल, सब्जियां, रोटी आदि खिलाते हैं। उनके लिए गर्मी अधिक होने पर पानी की व्यवस्था करते हैं। शहर के श्वानों को रोजाना सुबह चूरमा और दूध परोसते हैं।

यह कार्य करने से मिलती है प्रसन्नता

रोटी बैंक अध्यक्ष आनंद कवाड़ कहते है कि सेवा का कार्य करने से प्रसन्नता मिलती है। परमात्मा ने कुछ बेहतर करने के लिए हमें चुना है। रोटी बैंक एक निमित्त है, जिससे लोगों और जीवों का पेट भरता है। गुरु पुष्कर जैन साधना केंद्र के मंत्री केवलचंद कवाड़ का कहना है कि सर्वे भवंतु सुखिन: की भावना से कार्य करते हैं। आपदा हो या अन्य काल जितनी शक्ति है, उतना पुण्य कार्य करना चाहिए।

सामने आना जरूरी नहीं

रोटरी क्लब के राजकुमार मेड़तियां बताते है कि अपणायत बताने के लिए सामने आना जरूरी नहीं है। सेवा प्रतिष्ठा या नाम के लिए नहीं होती। यही सभी की भावना रहती है। बाबा रामदेव मित्र मंडल सेवा समिति छोटा रुणेचा धाम के अजय धनावत व भैराराम कहते हैं कि यहां तो सब कुछ बाबा रामदेव ही करते हैं। लोग पर्ची तक बाबा के नाम की कटवाते हैं। हमारा उद्देश्य केवल सेवा का रहता है।