
‘मेरे 31 साल के सेवाकाल में दो बार आई ऐसी चुनौतियां, कोरोना सब पर भारी, जीत लेंगे यह जंग’
पाली। कोरोना ने कोहराम [ Corona virus ] मचा रखा है। लॉकडाउन [ Lock down ] में लोग घरों के अंदर है तो कुछ लोग बेवजह बाहर घूम रहे हैं। इस बीच जरूरतमंदों की सेवा के लिए सैकड़ों हाथ उठ खड़े हुए हैं। पुलिस-प्रशासन मुस्तैद हैं। गांव-गांव में कार्यरत आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं भी कंधे से कंधा मिलाकर साथ दे रही है। इस बीच जिले की बागडोर संभाल रहे जिला कलक्टर दिनेशचन्द जैन [ District Collector Dinesh Chand Jain ] की भूमिका जिलेवासियों के लिए एक मुखिया की तरह है।
जिलेवासियों को इस बीमारी से दूर रखने की चुनौती तो है ही, अन्य जिलों के लोगों की हिफाजत भी इन्हीं के कंधों पर है। राज्य सरकार की मंशा है कि कोई भूखा ना सोए, ऐसे में जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। कोरोना के कहर में जिले में दी जा रही सेवाओं, चुनौती, अनुभव को कलक्टर खुद साझा कर रहे हैं राजस्थान पत्रिका के पाठकों के साथ :- ‘बतौर प्रशासक मेरे 31 साल के सेवाकाल में ऐसी स्थिति दो बार आई। पहली 2003 से 2005 की अवधि की, जब प्रदेश में भयंकर अकाल पड़ा। उस समय मैं जैसलमेर पदस्थापित था।
अब दूसरी चुनौती कोरोना की महामारी है। यह उस अकाल से कहीं ज्यादा बड़ी आपदा है, जिसका दायरा भी अत्यंत व्यापक है। विपरीत परिस्थितियां हमें बहुत कुछ सिखाती है। कोरोना की महामारी से जब हम उबर जाएंगे, तब भी हम भविष्य के लिए कुछ न कुछ अवश्य सीख चुके होंगे। 30 अप्रेल को मैं रिटायर हो रहा हूं। आपदा की घड़ी में 25 दिन के शेष सेवाकाल में जितना बेस्ट हो सकता है, वह करने का प्रयास करूंगा।
बदल गई है दिनचर्या
अभी मेरे साथ ही सभी टीम मेंबर्स की दिनचर्या बदल गई है। सुबह 7-8 बजे से रात 9-10 बजे तक फील्ड और ऑफिस में काम कर रहे हैं। केन्द्र और राज्य सरकार के नित नए निर्देश आते हैं। उनकी अक्षरश: पालना कराना, टीम को बूस्ट करना जैसे काम रूटीन से हटकर हैं। मेरे अधीनस्थ, चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, जनप्रतिनिधि और आमजन सभी का सहयोग मिल रहा है।
4000 हजार से ज्यादा कार्मिक तैनात
करीब चार हजार से ज्यादा कार्मिक गांव-गांव सर्वे कार्यों में लगे हुए हैं। अब तक 5 लाख 61 हजार से ज्यादा घरों का सर्वे कर लिया गया है। पूरे जिले में 658 टीमें इसके लिए लगी हुई है। साढ़े उन्नीस लाख लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें 1426 विदेशी नागरिक भी शामिल है। अब तक कुल 63 लोगों के सेंपल लिए गए हैं, जिसमें एक व्यक्ति पॉजिटिव आया था। वह भी अब नेगेटिव है।
कोरोना महामारी दे रही एकजुटता का संदेश
मेरा अनुभव कहता है कि कोई भी बड़ी आपदा और विपत्ति हमें सब कुछ भुलाकर एकजुटता से मुकाबला करने का संदेश देती है। दूसरा अनुभव यह है कि ऐसे दौर में सभी को साथ लेकर चलना चाहिए। वह चाहे प्रशासनिक अमला हो या जनप्रतिनिधि या आमजन।
आहत करती है नकारात्मक खबरें
यहां खुशी की बात यह है कि पाली में कुछ संस्थाएं, जनप्रतिनिधि और लोग स्वत: ही आगे आकर मदद कर रहे हैं। लेकिन कुछ लोग बिना काम नियमों को तोड़ते हैं। ऐसे में समाज के लिए खतरा बढ़ जाता है। हमारे यहां संक्रमण व्यापक रूप में इसीलिए नहीं फैल पाया कि आमजन ने जागरूकता दिखाई। सोशल डिस्टेंसिंग और सरकार के सुझावों पर अमल किया। यह सुखद पहलू भी है।’ (जैसा की राजेन्द्रसिंह देणोक को बताया)
Published on:
06 Apr 2020 01:47 pm
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