
Rabi sowing: इस बार पाली की धरती उगलेगी सोना
बिपरजॉय तूफान व मानसून की मेहर से धरती में अमृत समा गया है। इस अमृत से इस बार पाली के खेतों से सोना उपजेगा। अच्छी बरसात के कारण इस बार रबी की फसल में पिछले साल के मुकाबले जिले में 45 हजार 591 हैक्टेयर अधिक क्षेत्र में बुवाई होगी। वहीं भूमि में नमी के कारण उत्पादन भी पिछले साल के मुकाबले 1 लाख 23 हजार 696 मैटि्रक टन अधिक होने की आस है। वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 के बीच औसत बुवाई भी इस बार 86 हजार 190 हैक्टेयर में अधिक बुवाई होगी। उत्पादन भी 1 लाख 83 हजार 469 मैटि्रक टन अधिक होगा।
फसलवार इतना लक्ष्य व उत्पादन की आस
बुवाई लक्ष्य : गेहूं 1 लाख हैक्टेयर, जौ 7500, चना 1 लाख 21 हजार, रायड़ा 80 हजार, तारामीरा 10 हजार, जीरा 15 हजार 500, मैथी 1500, इसबगोल 4500 व अन्य फसलें 10 हजार हैक्टेयर में।
उत्पादन की उम्मीद : गेहूं 3 लाख मैटि्रक टन, जौ 22 हजार 875, चना 1 लाख 57 हजार 300, रायड़ा 1 लाख 12 हजार, तारामीरा 5000, जीरा 13 हजार 175, मैथी 2250, इसबगोल 4500 मैटि्रक टन।
टॉपिक एक्सपर्ट
इस बार बिपरजॉय तूफान व उसके बाद मानसून की बरसात से कई नदियों में पानी का बहाव रहा। इससे नदियों के आस-पास के कुएं रिचार्ज हो गए। इस कारण जिन खेतों में रबी की बुवाई नहीं होती है। वहां भी बुवाई होगी। हाल ही में हुई बरसात से खेतों में अभी नमी है, जो फसलों के लिए लाभदायक होगी। किसान नवरात्र में सरसों व चने की बुवाई भी शुरू कर देंगे, ताकि खेतों की नमी का लाभ मिल सके। हालांकि, रायपुर, जैतारण, सोजत व रोहट आदि क्षेत्रों में बरसात की कमी रही है, लेकिन वहां भी कुछ जगह पर नदियों में पानी का बहाव हुआ था। ऐसे में इस बार अधिक बुवाई व उत्पादन की आस है।
ओमप्रकाश शर्मा, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग, पाली
इस बार ऐसे रहेंगे हालात
3,50,000 हैक्टेयर में बुवाई
6,17,100 मैटि्रक टन उत्पादन की आस
वर्ष 2022-23 में वास्तविक िस्थति
3,04,409 हैक्टेयर में बुवाई
4,93,404 मैटि्रक टन उत्पादन
वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक औसत आंकड़े
2,63,810 हैक्टेयर में बुवाई
4,33,631 मैटि्रक टन उत्पादन
Published on:
26 Sept 2023 09:47 am
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