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पूर्व विधायक का चैंलेंज, कहा मैं डाकू जगन गुर्जर को समर्पण के लिए कर सकता हूं मजबूर

पूर्व विधायक भैरोसिंह गुर्जर ने मुख्यमंत्री को भेजी पाती

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xmla bhero singh

पूर्व विधायक ने दिखाया हौसला, कहा मैं डाकू जगन गुर्जर को समर्पण के लिए कर सकता हूं मजबूर

प्रतिष्ठा में-
श्री Ashok gehlot जी
माननीय मुख्यमंत्री
राजस्थान।
महोदय सादर प्रणाम,
आपको बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं कि आपको राजस्थान की जनता ने कुछ समय पहले हुए आम विधानसभा चुनाव में बहुमत देकर अपना मुख्यमंत्री चुना। आपकी लोकप्रियता,काबिलियत,राजनीतिक अनुभव से हम राजस्थान के लोग लाभान्वित हो रहे हैं। भगवान आपको लंबी उम्र दे,यश प्रदान करें ताकि आप हमारे सूखे प्रदेश को विकास की ओर ले जाकर प्रदेश में अमन चैन और भाईचारा कायम करें।


महोदय मैं भैरो सिंह गुर्जर पूर्व विधायक खारची-मारवाड़ जंक्शन राजस्थान का रहने वाला हूं और सन् 1980 से 1985 के बीच में राजस्थान प्रदेश विधानसभा का कांग्रेस पार्टी की ओर से सदस्य भी रहा हूं, परन्तु आजकल चुनावी राजनीति से दूर हूं एवं किसी राजनीतिक पार्टी व विचारधारा से मेरा व्यक्तिगत संबंध नहीं है व आजकल की चुनावी राजनीति से दूर रहकर मै और मेरा परिवार यथासंभव अपने गुर्जर समाज व राजस्थान के आम जनमानस की समृद्धि की कामना व सेवा का प्रयास करते हुए शांति प्रिय जीवन व्यतीत कर रहा हैं।

जैसा कि सुनने में व देखने में आ रहा है कि आजकल हमारे प्रदेश में एक दस्यू जगन गुर्जर है जो राजस्थान व अन्य प्रदेशों के मीडिया में छाया हुआ है, जिसके कारण हमारे प्रदेश की छवि धूमिल हो रही इसके कारण प्रदेश का निवेश व अन्य लोक कल्याण के कार्य प्रभावित हो रहे हैं तथा प्रदेश के नौजवान जगन को रोल मॉडल के रूप में ले रहे हैं।
महोदय मैं आत्मा से चाहता हूं कि प्रदेश में अमन चैन शांति व्यवस्था कायम रहे एवं डाकू जगन गुर्जर को लेकर जो गुर्जर समाज को बदनाम किया जा रहा है उसके पीछे की साजिशों का पर्दाफाश हो सके।
महोदय, मेरा किसी डाकू या अपराधी तत्वों से कोई संबंध नहीं है लेकिन प्रदेश वह मेरे शांतिप्रिय गुर्जर समाज की स्वच्छ छवि में किसी प्रकार की आंच आ जाती है तो आम नागरिक व गुर्जर जाति का सदस्य होने के नाते मुझे भी पीड़ा होती है।


सम्मानीय मुख्यमंत्री जी जैसा कि वर्तमान समय में हमारे देश पर संकट चाहे आतंकवाद का हो चाहे नक्सलवाद का हो या अन्य प्राकृतिक आपदाओं का हो, मेरा गुर्जर समाज जल थल और नभ में मां भारती की रक्षा के लिए प्राणों की बाजी लगा रहा है, जिसके लिए मैं मेरे गुर्जर समाज के नौजवानों को बधाई देता हूं और वो बधाई के पात्र भी हैं।


महोदय बड़े दुख के साथ मुझे महसूस हुआ कि जिस दिन मेरे गुर्जर समाज का एक लड़ाकू पायलट आशीष तंवर एक लड़ाकू विमान हादसे में शहीद होकर पंचतत्व में विलीन हो रहा था ठीक उसी समय हमारे देश की सर्वोच्च महापंचायत में एक सांसद महोदय द्वारा गुर्जर समाज का संबंध दुर्दांत डाकू जगन गुर्जर से जोडक़र देश की संसद में प्रश्न दागे जा रहे थे और सांसद महोदय देश के गृह मंत्री जी से अर्धसैनिक बल व सेना के प्रयोग की मांग कर रहे थे तथा हमारे प्रदेश की अंतरराष्ट्रीय छवि को धूमिल कर रहे थे। सांसद महोदय कह रहे थे कि जगन गुर्जर का एनकाउंटर किया जाए।

क्या किसी भी एनकाउंटर से पहले अपराधी की अपराधीकरण की परिस्थितियों पर गौर करना आवश्यक नहीं है। जहां तक मेरी जानकारी है डाकू जगन गुर्जर अपराधी हो सकता है जगन का अपराध अक्षम्य हो सकता है लेकिन राष्ट्र द्रोही नहीं है, जगन की अपराधीकरण की परिस्थितियों पर निष्पक्ष गौर करना अत्यंत आवश्यक है एवं अपराध साबित होने पर दंडित भी करना उचित रहेगा, सांसद महोदय की एकतरफा सोच से मुझे आत्मिक पीड़ा हुई है।
महोदय, इन घटनाओं से मेरा मन विचलित हुआ और मुझे कुछ सोचने को मजबूर किया महोदय देखने में व सुनने में आ रहा है कि राजस्थान व मध्य प्रदेश पुलिस का एक बड़ा दस्ता डाकू जगन गुर्जर की चंबल के बीहड़ में घेराबंदी कर रहा है, जिसमे दोनों ओर से फायरिंग में घातक हथियारों का प्रयोग हो रहा और दस्यु जगन गुर्जर अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।

महोदय जैसे कि सुनने में आया है कि डाकू जगन गुर्जर तीन बार पहले भी आत्मसमर्पण कर चुका है और लगभग 79 मुकदमों में बरी हो चुका है और फिलहाल 8 महीने से जमानत पर है जबकि उसने अभी हाल ही में अखबार व अन्य माध्यमों से पता चला कि जगन गुर्जर ने गुर्जर समाज की ही कुछ महिलाओं को निर्वस्त्र करके मारपीट की सरेआम दहशत पैदा की जिसके कारण सरकार को जगन गुर्जर को मुठभेड़ में खात्मा करके आम जनमानस को राहत पहुचाकर कानून का राज स्थापित किया जा सके परंतु बिना इस घटना को प्रमाणित किए जिस तरह से जगन के बारे में प्रचारित किया जा रहा है वह अफसोस जनक है। अपराधी कोई भी हो उसे दंड मिलना चाहिए लेकिन आंशिक अपराध के लिए मौत की सजा मुकर्रर नहीं होती है, उसके लिए न्यायालय है।


महोदय जो डाकू 10 दिन तक दोनों प्रदेशों की पुलिस के काबू में नहीं आए यह गंभीर मामला है और ऐसा प्रतीत होता है कि क्षेत्र की आम जनता का जगन को समर्थन प्राप्त है। यह प्रदेश का आम जनमानस जानता है।
महोदय, इस खतरनाक ऑपरेशन में बहुत से पुलिसकर्मी भी भाग ले रहे हैं। महोदय, चंबल के बागियों का और मुठभेड़ का इतिहास रहा है कि जब जब भी डाकू और पुलिस की मुठभेड़ हुई है हमारे बहुत से पुलिसकर्मी भाइयों को भी शहादत देनी पड़ी है, पुलिस के वे जवान भी समाज का ही हिस्सा है। राजस्थान प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री जी संभवत कुछ अति महत्वाकांक्षियों द्वारा पैदा किए गए इस अराजक माहौल में मुझे कुछ अनिष्ट की आशंकाएं हैं, इसके कारण मेरा भी हृदय द्रवित है *और इस पुलिस ऑपरेशन में मेरे भी कई परिचित रिश्तेदार भी शामिल है। भगवान सभी को लंबी उम्र प्रदान करें और किसी पुलिसकर्मी को इस ऑपरेशन में कोई हानि नहीं पहुंचे।


मैं यह अरदास करता हूं की मैं स्वयं गुर्जर जाति का नागरिक होने के कारण मुझे इन बातों का बेहद दुख हुआ कि मेरी जाति को कुछ इस तरह के नौजवान जो कभी डाकू अपराधी बन गए थे, विषम परिस्थितियों से पैदा हुई व्यवस्थाओं से भटक गए थे। यह परिस्थितियां कैसे पैदा हुई यह हम सबके लिए सोचनीय विषय है।


महोदय मैं भैरों सिंह गुर्जर पूर्व विधायक आपसे निवेदन करता हूं कि इस अराजक माहौल में भी प्रदेश में अमन चैन व भाईचारा और शांति कायम करने में मैं अपना योगदान दें सकूं, इसके लिए मैं आप की सरकार व जगन गुर्जर के बीच मध्यस्थता करवाकर के जगन गुर्जर को कानून के हवाले व दायरे में लाकर हम न्यायिक कार्रवाई कर सकें।


महोदय हमारे देश का इतिहास रहा है बड़े-बड़े दुर्दांत आतंकवादियों व अपराधियों को और डकैतों को मध्यस्थों के माध्यम से सरकार ने आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया था। जिस तरह से आज देश में हमारे प्रदेश में विशेष तौर पर गुर्जर समाज की छवि उत्पन्न हुई है यह हम सबके लिए पीड़ादायक है। महोदय चंबल में दुर्दांत डाकुओं के आत्मसमर्पण के लिए विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम समय-समय पर सरकार की ओर से भी लागू हुए है, जो मध्यस्थता की सफलता प्रदर्शित करती है।


लोकनायक जयप्रकाश नारायण के समय बड़े-बड़े डाकूओ ने आत्मसमर्पण करके समाज की मुख्यधारा में लौट कर अपना जीवन व्यतीत किया है। यदि आप की सरकार व सुरक्षा एजेंसियां मेरा उपयोग लेकर दस्यु जगन गुर्जर तक पहुंच कर उसे कानून व न्यायालय के हवाले करना चाहती है तो मैं भैरों सिंह गुर्जर पूर्व विधायक खारची अपनी जान को जोखिम में डालकर दस्यु जगन गुर्जर तक पहचने का प्रयास कर उसे आत्मसमर्पण को मजबूर करुंगा। इस कार्य में मैं आपको अपना बहुमूल्य सुझाव पेश करते हुए कानून के दायरे में रहकर दस्यू जगन गुर्जर व सरकार के बीच मध्यस्थता करने को तैयार हूं।


आदर सहित..
आपके प्रतिउत्तर के इंतजार में।
डॉ.भैरोसिंह गुर्जर
पूर्व विधायक
खारची-मारवाड़ जंक्शन
जिला पाली