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यहां के गांव में फैला ‘बकरी प्लेग’ रोग, कई भेड़-बकरियों ने तोड़ा दम

- पशुपालन विभाग [ Animal Husbandry Department ] ने सुरक्षा की दृष्टि से सभी रेवड़ में किया टीकाकरण [ Vaccination ]

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पाली

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Suresh Hemnani

Dec 06, 2019

यहां के गांव में फैला ‘बकरी प्लेग’ रोग, कई भेड़-बकरियों ने तोड़ा दम

यहां के गांव में फैला ‘बकरी प्लेग’ रोग, कई भेड़-बकरियों ने तोड़ा दम

पाली/सादड़ी। जिले के सादड़ी क्षेत्र के जूणा ग्राम में पीपीआर (बकरी प्लेग) [ Goat plague ] रोग के फैलने से पिछले 24 घण्टेके दौरान एक पशुपालक [ Animal Keeper ] के रेवड़ में से 33 भेड़-बकरियां [ sheep-goat ] मर गई। ग्रामीणों व पशुपालक की सूचना पर पशु चिकित्सक [ veterinary doctor ] डॉ. परीक्षित राजपुरोहित के नेतृत्व में दल ने सभी मृत्त भेड़-बकरियों का पोस्टमार्टम किया। सुरक्षा की दृष्टि से आस-पास के सभी रेवड़ में सर्वे करवाकर टीकाकरण से वंचित भेड़ बकरी का टीकाकरण किया गया।

जूणा खारड़ा माताजी मगरी सडक़ मार्ग पर रामाराम पुत्र भैराराम राईका सहित राईका पशुपालकों के आवास एवं उसके आसपास मवेशियों के बाड़े बने हुए हैं। पशुपालक बुधवार को दिनभर चराई के बाद रेवड़ घर लेकर आया। देर रात एकसाथ 5-7 भेड़ बकरी एकदम अकाल मौत का ग्रास बन गई। पशुपालक रामाराम राईका सुबह तक कुछ समय पता इससे पूर्व एक-एक करके 25-26 भेड़-बकरियां और मर गईं। 70-80 भेड़-बकरी के रेवड़ में से एक साथ 33 भेड़ बकरी की मौत से पशुपालक परिवार परेशानी में आ गया।

सूचना पर आस-पास ग्रामीणों का जमघट लग गया। सूचना पर पशुचिकित्सक डॉ. परीक्षित पुरोहित,भगवानसिंह सहित कार्मिक मौके पर पहुंचे। चिकित्सक ने मृत भेड़-बकरी का पोस्टमार्टम किया। रेवड़ की बाकी मवेशियों के व आस-पास के सभी रेवड़ में पीपीआर (बकरी प्लेग) वेक्सीन टीकाकरण किया। समाजसेवी रामलाल चौधरी, ईश्वरसिंह राठौड़, राजेन्द्रसिंह सोनीगरा ने प्रदेश के मुख्यमन्त्री, पशुपालन मन्त्री, क्षेत्रिय विधायक पुष्पेन्द्रसिंह राणावत को पत्र प्रेषित कर पशुपालक को आर्थिक सहायता राशि दिलवाने की मांग की है।

बकरीप्लेग रोग के लक्षण
पेस्ट डेस पेट्टिस रूमीनेट्स (पीपीआर) जिसे बोलचाल भाषा में बकरीप्लेग नाम से जाना जाता है। इसका शीत ऋतु से पूर्व टीकाकरण होता है। यह विषाणु जनित रोग है, जिसमें मवेशी के मुंह में छाले, होठों पर सूजन, नाक से पानी टपकना, आंखें लाल और शरीर में बुखार रहना प्रमुख लक्षण हैं।

इन्होंने कहा...
पीपीआर (बकरीप्लेग) रोग से जूणा निवासी रामाराम राईका के बाडे में 32-33 भेड़-बकरी मरने की सूचना पर पशुपालन विभाग का दल मौके पर पहुंचा। मृत भेड़ बकरी का मेडिकल कर मृत मवेशी को दफनाया गया। अन्य मवेशियों के टीके लगवा दिए हैं। इसके बाद एक भी भेड़-बकरी की मौत नहीं हुई। -डॉ. परीक्षित पुरोहित, पशुचिकित्सक, पशु चिकित्सालय, सादड़ी