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खेतों में मुस्करा रही फसलें

-खेतों में लहलहा रही रबी की फसलें... - मौसम अनुकूल होने से किसानों के चेहरे चमक उठे

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Grinning crops in fields

खेतों में मुस्करा रही फसलें

पाली । पिछले कुछ दिनों से तीन से सात डिग्री के बीच अटके तापमापी के पारे ने भले ही ठिठुरन बढ़ा दी हो, लेकिन खेतों में खड़ी फसलों को तो जीवनदान ही मिल रहा है। मौसम अनुकूल होने से करीब एक लाख किसानों के खेतों में रबी की फसले लहलहा उठी है।


हाडक़ंपा देने वाली सर्दी व पाला पडऩे से हाड़ोती, शेखावटी व मेवाड़ में किसानों की फसलों को करीब 40 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा है। दूसरी तरफ मारवाड़ गोड़वाड़ में सर्दी से रबी फसलों को नुकसान नहीं पहुंचा है। खेत खलिहानों में किसानों की रबी की फसलें लहलहा रही है। पिछले एक माह से न्यूनतम तापमान 5 डिग्री के इर्द-गिर्द तो अधिकतम तापमान 27 डिग्री के बीच दर्ज किया जा रहा है। यह तापमान रबी की फसलों के लिए वरदान साबित हो रहा है।

गेहूं, सरसों व तारामीरा के लिए वरदान
कृषि विभाग के अधिकारी अशोक राजपुरोहित के मुताबिक इस बार मौसम किसानों का साथ दे रहा है। फसलों में अभी तक किसी भी प्रकार का रोग भी नहीं लगा है। फसलों की बढ़तवार भी अच्छी हो रही है। सर्दी पडऩे से फसलों में दाना पडऩे के साथ दाने का पकाव भी अच्छा होता है। गेहूं, सरसों, जीरा, तारामीरा, जौ व हरी सब्जियों के लिए मौसम अनुकूल चल रहा है। इस बार फसल उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद बंधी है।

इतनी हुई बुवाई
कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक गेहूं की 43 हजार 305, जौ 4153, चना की 12 हजार 846, सरसों की 30 हजार, तारामीरा की 2270, जीरा की 12 हजार 736, मैथी की 1703, ईसबगोल की 3161, सौंफ की 2596, सब्जी की 1496 व हरा चारा की 3844 हैक्टेयर में बुवाई हुई है। कृषि विभाग को इस बार 2 लाख 62 हजार हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य मिला था। इसके मुकाबले में एक लाख 18 हजार हैक्टेयर में ही बुवाई हुई है।
फसलों के लिए


अच्छा मौसम
&जिले का मौसम अभी तक सही चल रहा है। 5 से 25 डिग्री तक तापमान रहने से रबी की फसलें अच्छी होती है। इतने तापमान से फसल की बढ़तवार भी होती है और उत्पादन भी अच्छा रहता है। 1 डिग्री व माइनस डिग्री तापमान गिरने पर पाला पडऩे की संभावना रहती है। -डॉ. धीरजसिंह,कृषि वैज्ञानिक, काजरी पाली