
चंद्रमा के आधिपत्य तिथि में गुरुभक्त गुरु चरणों में नवाएंगे शीश
धर्मज्ञो धर्मकर्ता च सदा धर्मपरायण:, तत्वेभ्य: सर्वशास्त्रार्थादेशको गुरुरुच्यते।। अर्थात् धर्म को जानने वाले, धर्म मुताबिक आचरण करने वाले, धर्मपरायण, और सब शास्त्रों में से तत्वों का आदेश करने वाले गुरु कहे जाते हैं। इन्हीं भावार्थो को साकार करते हुए गुरुभक्त तीन जुलाई को गुरु का पूजन व वंदन करेंगे। आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। जिलेभर में गुरु पूर्णिमा महोत्सव को लेकर तैयारियां की जा रही है। वही आश्रमों को सजाया जा रहा है। कई जगहों पर शोभायात्रा निकलेगी। आश्रमों में गुरुओं के पूजन के साथ ही चरण पादुकाओं का पूजन वंदन व दुग्धाभिषेक किया जाएगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस वर्ष पूर्णिमा तिथि अत्यधिक फलदायी होगी।
संन्यासियों के चातुर्मास का आगाज
ज्योतिषाचार्य पं.कुशाल दवे ने बताया कि आषाढ़ मास की पूर्णिमा 2 जुलाई रात 8.21 बजे से शुरू होगी। इसी दिन पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा। वही संन्यासियों का चातुर्मास आरंभ होगा। वही गुरु पूर्णिमा दूसरे दिन सोमवार शाम 5.08 बजे तक रहेगी। 21 घंटे से अधिक समय तक रहने वाली पूर्णिमा तिथि सोमवार को पूरे दिन मान्य होगी। तिथि की खासियत होगी कि ये चंद्रमा के आधिपत्य यानि सोमवार और पूर्णिमा पडऩे से इसका फल कई गुना बढ़ रहा है।
Published on:
26 Jun 2023 09:36 pm
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