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अचूक माध्यम कैसे बन रहा है बन अंतरा इंजेक्शन जानिए

- परिवार नियोजन के लिए अब उपलब्ध हो रहे इंजेक्शन - पीएचसी व सीएचसी पर भी उलब्ध कराई

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अचूक माध्यम कैसे बन रहा है बन अंतरा इंजेक्शन जानिए


पाली। आबादी पर नियंत्रण को लेकर कई तरह के जतन के बाद अब चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग ने अंतरा नाम के इंजेक्शन का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इससे अब तक इस साल 1698 महिलाएं लाभान्वित हो चुकी है।
गौरतलब है कि प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर साल करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे है। परिवार नियोजन के लिए चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग नसबंदी, कॉपरटी व ऑरल पिल्स की सुविधाए उपलब्ध करा है। अब जन्म दर को और कम करने के लिहाज से अंतरा इंजेक्शन का उपयोग शुरू किया गया है। परिवार नियोजन का अचूक माध्यम बना अंतरा इंजेक्शन

कार्ड बनाकर दे रहे
जिन महिलाओं को यह इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। उन्हें कार्ड बनाकर दिया जा रहा है। प्रसव के डेढ़ माह बाद भी इस इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जा सकता है। साल में चार इंजेक्शन लगवाकर करीब डेढ़ साल तक परिवार नियोजन अपनाया जा सकता है। इंजेक्शन नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। अंतरा इंजेक्शन को लेकर कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है।
रुपए भी दिए जा रहे है
अंतरा इंजेक्शन लगाने वाली महिलाओं को प्रति इंजेक्शन पर सौ रुपए भी दिए जा रहे है। आशा सहयोगिनी अगर महिलाओं को अंतरा इंजेक्शन लगाने के लिए प्रोत्साहित करती है तो उसे भी सौ रुपए दिए जा रहे है।

इतने लगाए गए इंजेक्शन
चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2017 में 1257 अंतरा के इंजेक्शन लगाए गए। वहीं वर्ष 2018-2019 में नवम्बर तक 1698 इंजेक्शन लगाए जा चुके है। परिवार नियोजन के लिए कॉपरटी भी लगाई जा रही है। वर्ष 2017 में 4382 व इस वर्ष नवम्बर तक 4040 कॉपरटी लगाई जा चुकी है।
अंतरा को लेकर रुझान बढ़ा
परिवार नियोजन के लिए अंतरा इंजेक्शन लगाया जा रहा है। महिलाओं में इंजेक्शन के प्रति रुझान बढ़ रहा है। सभी पीएचसी व सीएचसी पर यह सुविधा उपलब्ध है
डॉ.एस.एस. शेखावत, मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी पाली