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हिंदी में अच्छे अंकों के लिए शुद्ध वर्तनी लिखना जरूरी

-शिवराम, व्याख्याता, हिंदी विषय, राउमावि, टेवाली

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पाली

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Suresh Hemnani

Apr 01, 2021

हिंदी में अच्छे अंकों के लिए शुद्ध वर्तनी लिखना जरूरी

हिंदी में अच्छे अंकों के लिए शुद्ध वर्तनी लिखना जरूरी

पाली। हिंदी विषय बहुत सरल लगता हैं। इसका कारण है बोलचाल में हिंदी का उपयोग करना व अंग्रेजी माध्यम को छोडकऱ सभी स्कूलों में अध्यापक भी सभी विषय हिंदी में ही समझाते हैं। हिंदी के प्रश्न पत्र को हल करते समय कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है। ऐसा करने से इसमें भी गणित आदि की तरह अधिक अंक प्राप्त किए जा सकते है। विद्यालय स्तर हो या फिर महाविद्यालय स्तर, हिंदी के प्रश्नों के उत्तर लिखते समय शुद्ध वर्तनी का ध्यान रखना चाहिए। वर्तनी की अशुद्धियां होने पर नम्बर कट जाते हैं ।

पांच खण्डों में होगा प्रश्न पत्र
- खंड अ में बहुविकल्पात्मक 10 प्रश्न , अतिलघुत्तरात्मक 7 प्रश्न तथा रिक्त स्थान वाले 3 प्रश्न होंगे। इस खण्ड में समास, शब्द व वाक्य शुद्धि, लोकोक्तियां, मुहावरे व संशोधित पाठ्यक्रम से संबंधित प्रश्न पूछे जाते है।
-खंड ब में आठ अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न होंगे।
- खंड स में अपठित पद्यांश और लघुत्तरात्मक प्रश्न तथा 1 प्रश्न कवि या लेखक के जीवन एवं कृतित्व परिचय से संबंधित होगा।
-अपठित पद्यांश को धैर्य के साथ पढ़ें और उसका सरलार्थ समझे। इसके बाद ही उत्तर देने चाहिए। कवि या लेखक परिचय में उनके जीवन परिचय के साथ उनका साहित्यिक परिचय अवश्य लिखें। इनके लिए पाठ्य-पुस्तकों के कवियों एवं लेखकों का एक चार्ट बनाकर उनकी रचनाओं को याद करें।
-खंड द में यातायात सुरक्षा चिह्नों से संबंधित प्रश्न प्रार्थना पत्र, पत्र व निबंध से संबंधित अथवा वाले प्रश्न होंगे।
-सडक़ सुरक्षा से संबंधित संकेत, सुरक्षित वाहन चलाना, नियमों का पालन करना, सडक़ सुरक्षा में घायलों को प्राथमिक उपचार देना और अस्पताल पहुचाना आदि से संबंधित प्रश्न भी पूछे जाते है।
-निबंध की रूपरेखा के बिंदु दिए गए होंगे। उन बिंदुओं पर सारगर्भित निबंध लिखे। प्रस्तावना में निबंध विषय से संबंधित दोहे, श्लोक, गीत , गजल, महावरे, लोकोक्ति आदि से शुरुआत करनी चाहिए। निबंध में डायग्राम व आकड़ों का उपयोग भी करना चाहिए।
-कार्यालय पत्र, अद्र्धशासकीय पत्र निर्धारित प्रारूप में लिखने चाहिए। कार्यालय का नाम, क्रमांक, दिनांक, प्रतिलिपि सूचनार्थ आदि का उल्लेख करना चाहिए।
-खंड य में पद्यांश व गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या से संबंधित प्रष्न पूछे जाएंगे।
व्याख्या वाले प्रश्नों को चार बिन्दुओं क्रमश: संदर्भ, प्रसंग, व्याख्या व विषेष के रूप में लिखने चाहिए। विशेष में संबंधित काव्यांश की भाषा, शैली, छंद, अलंकार , काव्य गुण, रस आदि की जानकारी लिखनी चाहिए।
-शीर्षक व बिन्दुओं को रेखांकित या हाइलाइट करना चाहिए। प्रत्येक उतर के बाद एक-दो पक्तियों का अंतर रखना चाहिए। उतर बिन्दुवार लिखने चाहिए।
-वाक्य छोटे एवं शुद्ध बनाने चाहिए।
-व्याकरण से संबंधित प्रकरणों की अच्छी तैयारी करनी चाहिए। अच्छे अंक दिलाने में मददगार होते है।
-यथा संभव खंडानुसार एवं क्रमानुसार प्रश्नों के उतर लिखे।