
चार साल पहले ईओ हुए थे ट्रेप, अब एक और मामला दर्ज, एसीबी ने दिया नोटिस, फिर भी पद पर काबिज
पाली। जिले के जैतारण नगर पालिका के अधिशासी अभियंता त्रिकमदान चारण व कनिष्ठ लिपिक (स्टोर शाखा) चंद्रवीर सिंह भाटी एक फर्म का बिल पास करने के एवज में रिश्वत मांगने व इसके बाद एसीबी द्वारा दोनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज होने के बाजवूद पद पर काबिज है। इससे जांच प्रभावित हो सकती है। अब दोनों को पद से हटाने की मांग उठ रही है। इसको लेकर मुख्यालय में शिकायत की गई है।
2017 में ट्रेप हुए थे ईओ
जानकारों के अनुसार ईओ त्रिकमदान वर्ष 2017 में जालोर में नगर परिषद आयुक्त लगे हुए थे। तब पट्टा लेने के एवज में रिश्वत लेते हुए एसीबी से ट्रेप हुए थे। इसके बाद उन्हें बहाल कर दिया गया। अब फिर उनके खिलाफ जैतारण नगर पालिका के ईओ रहते हुए एसीबी में मामला दर्ज हुआ है।
एसीबी ने दिया नोटिस, मांगा स्पष्टीकरण
इधर, ईओ व लिपिक के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद एसीबी ने दोनों को दुबारा नोटिस देकर इस सम्बंध में जवाब मांगा है। जवाब नहीं देने पर एसीबी कार्रवाई करेगी। एसीबी के पास दोनों का वीडियो भी है, साथ ही जिस फाइल के लिए रिश्वत मांगी गई, उसकी पत्रावली में कांट-छांट भी सामने आई है।
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो
पूरे मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उच्च अधिकारियों को मैंने अवगत करवाया है। इस फाइल में कांट-छांट करने की बात मेरे सामने ईओ व लिपिक ने एसीबी के समक्ष कबूल की है। नगर पालिका जैतारण में कोई भी रिश्वत मांगे तो आमजन इसकी शिकायत एसीबी के हेल्प लाइन नम्बर 1064 पर करें। - रामस्वरूप भाटी, अध्यक्ष, नगर पालिका, जैतारण, पाली।
यह है मामला
परिवादी मनोज भाटी पुत्र बगदाराम निवासी पोकरना की पोल, जैतारण ने परिवाद दिया कि फर्म चारभुजा कंस्ट्रक्शन का कामकाज वह देखता है। नगर पालिका जैतारण में फ्लेक्श बैनर, होर्डिंग के लिए वार्षिक कार्य के एवज में 4 लाख 77 हजार 123 रुपए बकाया थे। इसके बिल पास करने के लिए ईओ त्रिकमदान चारण पुत्र राय सिंह चारण निवासी वेलांगरी सिरोही ने अपने लिए 77 हजार रुपए व कनिष्ठ लिपिक चंद्रवीर सिंह भाटी पुत्र अशोक सिंह निवासी इंद्रा कॉलोनी टोंक ने अपने व ईओ के लिए बतौर रिश्वत 90 हजार रुपए मांगे। इसकी शिकायत परिवादी ने जयपुर में एसीबी के एडीजी एमएन दिनेश से की। उन्होंने दोनों को ट्रेप करने के लिए टीम भेजी, लेकिन वे भनक लगने के कारण बच गए। रिश्वत मांगने का वीडियो भी परिवादी ने बनाया, जिसमे रिश्वत मांगने का सत्यापन हो रहा है। सबूतों के आधार पर एसीबी ने ईओ व कनिष्ठ लिपिक के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
Published on:
06 Aug 2021 10:11 am
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