scriptVIDEO : किन्नरों ने कलेजा ‘कठोर’ कर नम आंखों से धूमधाम के साथ बेटी ‘कोमल’ को ‘पवन’ के साथ दी विदाई | Kinnar Samaj got married by adopting a girl In Pali | Patrika News

VIDEO : किन्नरों ने कलेजा ‘कठोर’ कर नम आंखों से धूमधाम के साथ बेटी ‘कोमल’ को ‘पवन’ के साथ दी विदाई

locationपालीPublished: Nov 24, 2021 09:25:48 pm

Submitted by:

Chen

-बीकानेर जिले के नोखा से पाली आई बारात

VIDEO : किन्नरों ने कलेजा ‘कठोर’ कर नम आंखों से धूमधाम के साथ बेटी ‘कोमल’ को ‘पवन’ के साथ दी विदाई

VIDEO : किन्नरों ने कलेजा ‘कठोर’ कर नम आंखों से धूमधाम के साथ बेटी ‘कोमल’ को ‘पवन’ के साथ दी विदाई

पाली। बीकानेर के नोखा से आए ‘पवन’ ने बुधवार को हजारों शहरवासियों की साक्षी में ‘आशा’ के हिवड़े का हार ‘कोमल’ को हमेशा के लिए अपना लिया। पुराने बस स्टैण्ड स्थित सुराणा सराय में बुधवार सवेरे शुभ मुहूर्त में किन्नर समाज की गादीपति आशा कंवर ने अपनी गोद ली हुई बेटी कोमल को जब विदाई दी, तो यहां मौजूद अपार जनसमूह की आंखें नम हो उठी। पालीवासियों की खुशियों में ढोलक की थाप पर बेशुमार आर्शीवाद के साथ थिरकने वाले किन्नर समाज की ओर से की गई 21वीं शादी इस शहर के इतिहास में स्वर्णिम यादों के साथ अमिट हो गई।
किन्नर समाज की गादीपति आशा कंवर ने ढोल वादक की पुत्री को उनके आर्थिक हालातों के चलते बचपन से ही बेटी माना था। उसे गोद लेकर उसकी पढ़ाई-लिखाई करवाई तथा बुधवार को शुभ मुहूर्त में उसके हाथ पीले किए। गादीपति आशा कंवर के नजदीक ही कोमल का परिवार किराये के मकान में रहता है। बीकानेर के नोखा मंडी निवासी पवन के साथ उसका रिश्ता तय होते ही विवाह समारोह की तैयारियां शुरू हो गई थी। कोमल का विवाह बुधवार को सुराणा सराय से पूरे हिन्दू धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुआ। विवाह से पहले की सभी रस्में हवेली से पूरी की गई। 22 नवम्बर को उसे पाट बिठाने से लेकर हाथों पर मेहन्दी रचाने तक की रस्मों में किन्नर समाज के साथ शहरवासी सहभागी बने। 23 नवम्बर की रात धूमधाम से बंदोली निकालते समय भी पूरा शहर नयनाभिराम दृश्य का साक्षी बना।
जरुरत का हर सामान प्रदान
24 को कोमल को ससुराल ले जाने के लिए सुराणा सराय में नोखा से बारात आई। बारात का स्वागत धूमधाम से हुआ। गोद ली गई बेटी के लिए गादीपति आशा कंवर ने छह तोला सोने के स्वर्णाभूषण समेत 25 तोला चांदी के जेवरात, दुल्हन के लिए 32 वेश तथा दुल्हन के ससुराल पक्ष वालों के लिए 21 वेश तैयार करवाए। विवाह के बाद घर चलाने लायक वह सभी सामग्री जुटाई गई हैं, जो एक नववधू की जरुरत है। दुल्हन कोमल तथा उसके पति व सास-ससुर के लिए सोने की अंगूठियां भी तैयार करवाई कर सौंपी गई। सुराणा सराय में कोमल ने नोखा मंडी से आए दूल्हे पवन के साथ सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में फेरे लिए। इस दौरान शहरवासियों ने फूलों की वर्षा कर तथा नोट बरसा कर दूल्हा-दुल्हन को शुभकामनाएं दी। सभी रीति-रिवाज निभाने के बाद दोपहर में नम आंखों से कोमल को विदाई दी गई। विदाई के क्षणों में किन्नर समाज के साथ वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो उठी।
मोहल्लेवासी बने घराती
कोमल की शादी के दौरान व्यवस्था में पूरे मोहल्ले के लोग, दुकानदार जुटे। हर व्यक्ति ऐसे दौड़ते हुए काम में जुटा रहा, मानो उनकी बेटी की शादी हो। बारातियों की व्यवस्था तथा सत्कार में कोई कमी नहीं रखी गई। फेरों से पहले के सभी रिवाजों में किन्नर समाज ने झूमकर नृत्य किया तथा अपनी खुशी का इजहार किया। हवेली की गादीपति आशा कंवर आर्थिक रूप से कमजोर 20 परिवारों की बेटियों को अपनी बेटी मान शादी करवा चुकी हैं।
कोई कमी नहीं रखी सत्कार में
इस अनूठे विवाह का साक्षी बनने के लिए पाली समेत राज्यभर के विभिन्न कोनों से किन्नर समाज के लोग पाली पहुंचे। विशिष्ट लोगों समेत शहरवासियों की मौजूदगी में परिणय सूत्र की सभी रस्में धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार संपन्न करवाई गई। शादी में पाट बिठाने से लेकर फेरों तथा विदाई की सभी रस्मों में किन्नर समाज के साथ शहरवासियों की मौजूदगी रही।
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